
पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते विधानसभा चुनाव कराने का यह सही वक्त नहीं है. इस पर विचार किया जाना चाहिए. निर्वाचन आयोग क्या समझता है, यह वह जाने. फिलहाल राज्य में कोरोना के मद्देनजर स्थिति भयावह है. इस पर नियंत्रण पाने में राज्य सरकार अभी तक पूरी तरह असफल साबित हुई है. तेजस्वी ने यह बातें मंगलवार को राज्य कार्यालय में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं.
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!तेजस्वी ने राज्य सरकार से पूछा कि आखिर उसे चुनाव कराने की जल्दबाजी क्यों है? सरकार को चाहिए कि वह रेंडम सैंपलिंग के जरिये कोरोना नियंत्रण के लिए रणनीति बनाये. इस पर नियंत्रण के लिए जरूरी आधारभूत संरचना विकसित करे.
उन्होंने नीति आयोग की एक रिपोर्ट के हवाले से आंकड़ों के आधार पर बताया कि बिहार में चिकित्सा से जुड़ी आधारभूत संरचना सबसे कमजोर है. राज्य चिकित्सा सुविधा देने में फिसड्डी है. ऐसे में किस आधार पर यह सरकार दावा कर रही है कि वह कोरोना पर नियंत्रण कर लेगी.
उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि इस सरकार को कोरोना की चिंता नहीं, चुनाव की चिंता है. सत्ता की चिंता है. उन्होंने कहा कि कोरोना सीएम हाउस तक पहुंच गया है. अगस्त-सितंबर में कोरोना बिहार में चरम पर पहुंच जायेगा.
उन्होंने बेरोजगारी, महंगाई और दूसरी असफलताओं को गिनाते हुए कहा कि चिकित्सा में आधारभूत सरंचनाओं की धुरी एंबुलेन्स का कुप्रबंधन भी प्रदेश के लोगों के लिए चिंता का विषय बन गया है. दरअसल, बिहार में एंबुलेन्स का ठेका सत्ता में पहुंच रखनेवाले एक सांसद को दे दिया गया है.
उन्होंने प्रदेश की जनता से एक बार फिर अपील करते हुए कि एक मौका राजद को और दें. हर युवा को काम मिलेगा. इस सरकार से अब क्या होगा, जब पिछले पंद्रह साल से कुछ नहीं हो सका.