कटिहार : चक्रवाती तूफान फोनी का आंशिक असर जिले में भी दिखाई पड़ा, जहां लोग गर्मी से परेशान हो रहे थे शुक्रवार को बदलते मौसम के कारण पारा घटकर 27 डिग्री तक पहुंच गया. पारा घटने के साथ ही लोगों को चिलचिलाती धूप से निजात मिली. दोपहर के बाद बूंदा बूंदी ने मौसम को और खुशनुमा बना दिया.

बूंदाबांदी बारिश के साथ चल रही हवाओं से ठंडे मौसम का लोगों ने भरपुर मजा लिया. हालांकि चक्रवर्ती तूफान फेनी के विक्राल रूप को टीवी पर देखकर लोगों के दिल बैठा जा रहा था. लोगों को यह बात भी सताती रही कि चक्रवर्ती तूफान का असर यहां भी न पड़ जाय.

हालांकि मौसम विभाग द्वारा बिहार को फेनी तूफान से महफूज बताया है. लेकिन लोग शुक्रवार को लगातार टीवी के सामने बैठकर तूफान की स्थिति से अवगत होते नजर आ रहे थे , शहर में भी चारों तरफ चक्रवर्ती तूफान फेनी के ही चर्चे चलते रहे. बूंदाबांदी बारिश से भले ही सड़कों पर कीचड़ फैलने से लोग परेशान रहे.

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लेकिन उमस भरी गर्मी से निजात मिलने के बाद सभी राहत का सांस जरूर लिये. मौसम में आई गिरावट के कारण दोपहर के समय भी बाजार की रौनक बढ़ी रही. जबकि पिछले कुछ दिनों से झुलसा रही धूप के कारण लोगों का दोपहर के समय निकलना मुश्किल हो गया था. शुक्रवार की सुबह से ही मौसम के ठंडपन के कारण बाजार की चहल गर्मी तेज रही.

किसानों को सता रहा फोनी का भय
चक्रवर्ती तूफान फेनी का भय सबसे ज्यादा किसानों को सताने लगा है. हालांकि मौसम विभाग द्वारा बिहार को तूफान के आतंक से महफूज बताया गया है. इसके बावजूद भी शुक्रवार को टीवी पर तूफान का न्यूज देख किसान घबराए रहे. किसान राजेन्द्र मंडल, राम प्रसाद सिंह कुशवाहा, सुबोध विश्वास, राम बिहारी सिंह, ने बताया कि प्राकृतिक आपदा का शिकार हम सभी किसान बार-बार होते हैं.

किसानों ने बताया कि यदि चक्रवर्ती तूफान का असर यहां भी रहा तो मकई,गेहू की खेती में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. जबकि आम के पेड़ में भी आए हुए आम पूरी तरह से झड़ जाएंगे. जिससे आम की पैदावार पर भी बुरा प्रभाव पड़ेगा. तूफान के तेवर से दिल बैठा जा रहा है अब सब ईश्वर के ऊपर ही दामोदार है. वही किसान इस प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते रहे.