नवगछिया : श्रीराम पाठक, जब किसी व्यक्ति की कुंडली में सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाते हैं, तो ऐसा माना जाता है कि उस व्यक्ति की कुंडली में काल सर्प योग बन गया है। यदि ऐसा होता है तो उस व्यक्ति के द्वारा की गई मेहनत का फल उसे नहीं मिल पाता है। लेकिन जब शुभता पर आता है तो रहूदेव अचानक इतना धन देते है कि सामने वाला सात पुस्तो तक एश्वर्य में जीता है वही केतु देव गुप्त धन को दिलवाता है जैसे खजाना आदि  इसी कारण से इस दोष का निवारण करना बहुत ज़रूरी होता है। नागपंचमी का पर्व कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यता है कि नागपंचमी के दिन मंदिरों में नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष खत्म हो जाता है।

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कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए नागपंचमी पर करें ये उपाय

  • नाग पंचमी के दिन भगवान शिव का अभिषेक उन्‍हें चांदी के नाग और नागिन का जोड़ा अर्पित करें, इससे कालसर्प दोष से मुक्‍ति मिल सकती है।
  • नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक करने से भी कालसर्प दोष को कम किया जा सकता है।
  • नव नाग स्तोत्र का 108 बार पाठ करें।
  • अगर संभव हो तो किसी सपेरे से जीवित नाग और नागिन का जोड़ा खरीदें और उसे जंगल में मुक्त करवाएं।
  • नागपंचमी के दिन बहते हुए जल में 11 नारियल प्रवाहित करें। इससे भी कालसर्प दोष खत्म होता है।
  • नाग पंचमी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे किसी बर्तन में दूध रखें।

इन मंत्रों का करें जाप:

कालसर्प दोष से पीड़ित लोगों को नाग पंचमी के दिन नाग की विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। इसके अलावा नाग गायत्री मंत्र- ‘ॐ नवकुलाय विद्यमहे विषदंताय धीमहि तन्नो सर्प: प्रचोदयात्’ का जाप करें। इस दिन ‘ॐ नमः शिवाय’ और ‘ॐ नागदेवताय नम:’ मंत्र का 11 या 21 माला जाप करने से भी कालसर्प दूर होता है।

नागपंचमी पूजा विधि: घर के मुख्यद्वार के दोनों ओर नाग का चिंत्र बनाएं या उनकी प्रतिमा स्थापित करें। फिर धूप, दीपक, कच्चा दूध, खीर आदि से नाग देवता की पूजन करें। भोग में गेंहू, भूने हुए चने और जौं का इस्तेमाल करें। प्रसाद नागों को चढ़ाएं और लोगों को बांटें।