मकर संक्राति पर्व को लेकर एक दिन पूर्व लोगों ने चूड़ा, तिलकुट आदि की जमकर खरीदारी की। मालूम हो कि गुरुवार 14 जनवरी को मकर संक्रान्ति का पर्व मनाया जायेगा। पौष मास में सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर मकर संक्रान्ति का पर्व मनाया जाता है।

इस दिन जप तप स्नान और दान का विशेष महत्व है। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही एक माह से चल रहे खरमास समूाप्त हो जायेंगे और विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, सगाई जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जायेंगे। मंदिर के आचार्य श्रीराम पाठक ने बताया कि गुरुवार को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर मकर संक्रान्ति स्नान का मुहूर्त आरंभ होगा जो शाम के 05 अजकर 46 मिनट पर समाप्त होगा।

उन्होंने बताया कि संक्रान्ति पूण्यकाल की कुल अवधि 9 घंटा 16 मिनट की है। मकर संक्रान्ति का महापूण्यकाल सुबह 8 बजकर 30 मिनट से 10 बजकर 15 मिनट तक है। मकर संक्रान्ति पर गंगा स्नान की महत्ता आचार्य ने बतायी।

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