योगी आदित्यनाथ की जन्म कुंडली के हिसाब से उनके जीवन  में वर्तमान में 18-19-20 की स्थिति बनी हुई है। इस वक्त चंद्रमा उनके दशम भाव में चल रहा है साथ ही सूर्य भी इस स्थिति के अनुकूल है। लेकिन गुरू के अष्टम भाव में होने के कारण 9 सितंबर 2018 तक इसी प्रकार की स्थिति बनी रहने की संभावना है।

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योगी आदित्यनाथ का जन्म सिंह लग्न में हुआ है। लग्न का स्वामी सूर्य गुरु की राशि में बैठा है। जन्मकालिक चंद्रमा उच्चस्थ होकर दशम भाव में लोकतंत्र के कारक शनि के साथ बैठा है। इन स्थितियों और युतियों से कुंडली में गजकेशरी, वेशि, कुहू, धर्म योग जैसे राजयोग बन रहे हैं। वर्तमान में गुरु की महादशा में राहु की अंतर्दशा का योग है। बृहस्पति राजयोग का प्रबलतम कारक बन कर चौथे भाव में लग्नेश के साथ है। इस योग ने ही उन्हें प्रदेश का नेतृत्व सौंपा है। दसवें भाव में चंद्रमा और शनि की युति विपरीत राजयोग बना रही है।

पंडित राकेश कुमार मिश्र के मुताबिक, मंगल की स्थिति दशम भाव मे होने के कारण झगड़े फसाद जैसे मामलों में फसने की भी संभावना बनी रहेगी। दोनों ही ग्रह अनुकुल हैं इसलिए शासन और प्रसाशन में अनुशासन बनाने में रखने में कामयाबी हाथ लगेगी। दुष्ट प्रवति के लोगों के लिए दंडात्मक कार्यवाही भी कर सकते हैं।

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वहीं ग्रहों की इस स्थिति से आस्तिक लोगों को बढ़ावा मिलने की संभावना है। जो लोग नास्तिक है उनके लिए यह समय कष्ट कारी होने वाला है। इसी वजह से 9 सितंबर 2018 तक यह प्रक्रिय बनी रहेगी।

वहीं केशव प्रसाद मौर्य की कुंडली में 2 अप्रैल तक राहु की प्रत्यंतर दशा चलेगी जिस कारण भाग्य में अवरोध का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन 2 अप्रैल 2017 के बाद जैसे ही गुरू की दशा प्रारंभ होगी वैसे ही मुख्यमंत्री के गाइड के तौर पर काम करेंगे। या फिर यूं कह लें कि केशव मुख्यमंत्री के पूरक रूप में नजर आएंगे।

केशव प्रसाद मौर्य एक अच्छा प्रशासन चलाएंगे। वहीं उनके ग्रहों की दशा बता रही है कि सितंबर 2018 के बाद उनके मुख्यमंत्री बनने की प्रबल संभावनाएं हैं या फिर कोई बड़ी जिम्मेदारी उन्हें सौंपी जा सकती है।