नवगछिया  : झंडापुर के तिहरे हत्याकांड के बीस दिन बीत जाने के बाद भी लोगों के समक्ष न तो घटना के पीछे की कहानी सामने आयी है और न ही इस हत्याकांड में संलिप्त अपराधी सलाखों के पीछे पहुंच पाये हैं. इस कांड के उद्भेदन से संबंधित आखिरी उम्मीद भी अब टूटती नजर आ रही है. इस घटना की एक मात्र चश्मदीद कनिक राम पुत्री बिंदी उर्फ राधा घटना के संबंध में कुछ भी बोलने से कतरा रही है. जबकि वह अपने परिजनों व सगे संबंधियों से सभी तरह की बातें करती हैं और वह बार बार घर जाने का जिद कर रही है.

जानकारी मिली है कि बिंदी का बयान लेने गयी पुलिस ने जब बिंदी से पूछा तो उसने घटना के संबंध में कुछ भी बताने से साफ तौर पर इनकार तो नहीं किया लेकिन उसने घटना के संबंध में कुछ बताया भी नहीं. पुलिस मायूस हो कर बैरंग लौट आयी. बिंदी आखिर अपनी आप बीती क्यों नहीं बता रही है, इसके पीछे क्या राज है, यह पुलिस और इस कांड में अपराधियों को सलाखों तक ले जाने की चाहत रखने वाले लोगों के समझ से परे हैं. मालूम हो कि इस घटना के संबंध में मृतक कनिक राम के दो पुत्र संतोष और अखिलेश भी कुछ भी बताने को तैयार नहीं है. मालूम हो कि पूरे घटनाक्रम में सामने आयी बातों पर बिंदी के हामी भरने की बात तो कही जा रही है लेकिन हत्यारे कौन कौन थे, इस बात को बिंदी नहीं बता पा रही है.

मालूम हो कि अब तक पुलिस अनुसंधान से प्रतीत होता है कि घटना को अंजाम जलकर विवाद में दिया गया. इसी कड़ी में पुलिस ने कनिक के दामाद का बयान सामने आने पर और कथित रूप से प्रयुक्त हथियार की बरामदगी होने के बाद झंडापुर के जागीर टोला निवासी मोहन सहनी को जेल भेजा था. लेकिन जलकर विवाद के अनुसंधान के इस कड़ी में पुलिस अगली कड़ी को नहीं जोड़ पायी, लिहाजा पुलिस अभी भी सभी बिंदुओं को ध्यान में रख कर अनुसंधान कर रही है. मालूम हो कि घटना से पांच दिन पहले बिंदी के पास मिले संदिग्ध मोबाइल के बाद उसके भाई संतोष द्वारा की गयी कार्रवाई को भी ध्यान में रख कर अनुसंधान कर रही है. नवगछिया के एसडीपीओ मुकुल कुमार रंजन ने कहा कि घटना का अनुसंधान जारी है, जल्द ही मामले का उदभेदन कर लिया जायेगा

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