तेतरी दुर्गा स्थान शक्तिपीठ में विराट सतसंग सद्भावना महासम्मेलन प्रारंभ

मानस कोकिला पद्मविभूषित हीरामणि देवी के सुवचनों से भी भाव विभोर हुए भक्त

नवगछिया : नवगछिया के तेतरी दुर्गा स्थान शक्तिपीठ में शारदीय नवरात्र के पहले दिन विराट सतसंग सद्भावना महासम्मेलन प्रारंभ हो गया. सम्मेलन का विधिवत शुरूआत अयोध्या विद्याकुंड के सिद्धपीठाधीश्वर महामंडलेश्वर महंथ प्रेम शंकर जी महाराज ने किया. पहले दिन महंथ प्रेम शंकर महाराज ने कहा कि आप प्रेम स्वार्थ में डूब गया है. प्रेम का अर्थ ही स्वार्थ से लगाया जा रहा है. प्रेम सिर्फ नाम का रह गया है और वास्तव में प्रेम एक धोखा बन गया है. बाबा ने कहा कि प्रेम त्याग के गर्भ से जन्म लेता है.

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किसी भी प्रकार के प्रेम की जननी त्याग ही है. चाहे यह प्रेम, बहन भाई, प्रेमी प्रेमिका, पति पत्नी, मां बेटा, पिता पुत्र का हो. इस संबंधों के बीच प्रेम तभी पनप सकता है जब त्याग रूपी उर्जा से यह संचित होगा. उन्होंने प्रेम को समझाते हुए देवी पार्वती और देवाधिदेव महादेव के बेमेल संबंध का उदाहरण दिया. बाबा ने अपने प्रवचनों में सतसंग की महिमा का भी वर्णन किया. बाबा ने कहा कि दरिद्र वह नहीं है जिसके पास संपत्ति, खाना नहीं है. गरीब वह है, दरिद्र वह है जिसके ह्रदय में संतसंग नहीं है.

प्रवचन करते महामंडलेश्वर

इस अवसर पर बनारस से आयी मानस कोकिला पद्मविभूषित हीरामणि देवी ने भी अपने प्रवचन से श्रद्धालुओं के ह्रदय में भक्ति रस का संचार कर दिया. देर रात तक दुर्गा स्थान परिसर में बड़ी संख्या में श्रद्धालू जमे थे. आयोजन मंडल के सदस्य जयप्रकाश महंथ ने कहा कि आज शुरू हुआ प्रवचन नवरात्रि तक चलेगा. कार्यक्रम में जयप्रकाश महंथ, पूजा समिति के अध्यक्ष रामाकांत राय, रामविलास सिंह, टुनटुन कुमार, रविंद्र दास मुखिया, सुभाष राय, विजय सिंह, अरूण राय आदि अन्य समस्त तेतरी ग्राम वासियों की भागीदारी है.

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