चीन से फैले कोरोना वायरस का कहर भारत समेत पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है और पूरे देश में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रात आठ बजे देश के नाम संबोधन में पूरे भारत में आज रात आठ बजे से लॉकडाउन का ऐलान किया। पीएम मोदी ने कहा कि यह लॉकडाउन 21 दिनों के लिए और इतने दिनों तक घरों से बाहर निकलना भूल जाइए।

कोरोना वायरस के पॉजिटिव केसों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है और इसके प्रसार को रोकने के लिए अब भारत के करीब 32 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लॉकडाउन कर दिया गया है।

उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो जहां हैं, वहीं रहें। यह लॉकडाउन आपके भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री ने लोगों से किसी भी कीमत पर घर के बाहर नहीं आने की सलाह दी है।  अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का संकल्प जो हमने लिया था उसकी सिद्धी के लिए भारत के लोगों ने योगदान दिया।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस को लेकर राष्ट्र के नाम अपने दूसरे संबोधन में कहा कि तमाम तैयारियां और प्रयासों के बावजूद चुनौती बढ़ती जा रही है। सभी देशों के दो महीने के अध्ययन से निष्कर्ष निकल रहा है कि इस वैश्विक महामारी से प्रभावी मुकाबले के लिए एकमात्र विकल्प है सोशल डिस्टेंसिंग यानी एक दूसरे से दूर रहना। अपने घर में ही बंद रहना। कोरोना से बचने का इसके अलावा कोई रास्ता नहीं है। कोरोना को फैलने से रोकना है तो उसके संक्रमण के साइकल को तोड़ना होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग इस गलतफहमी में हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग केवल मरीजों के लिए जरूरी है। यह सोचना सही नहीं है। सोशल डिस्टेंसिंग हर नागरिक और सदस्य केलिए है। प्रधानमंत्री के लिए भी है। कुछ लोगों की लापरवाही कुछ लोगों की गलत सोच आपको आपके बच्चों को आपके दोस्तों को आगे चलकर पूरे देश को बहुत बड़ी मुश्किल में झोंक देगी। अगर ऐसी लापरवाही जारी रही तो भारत को इसकी बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल है।