इस बार नवरात्री 2017 21 सितंबर से शरू होकर 30 सितंबर तक चलेंगे. नवरात्र में नौ दिन माँ के नौ रूपों की पूजा होती है. मान्यता है कि इन नौ दिनों में दुर्गा मां धरती लोक यानी अपने मायके आती है और पूरे नौ दिन अपने मायके रहती है और अपने भक्तों की सारी कष्टों को हर लेती है. आज हम आपको बता रहे है कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और भी कई महत्वपूर्ण बातें:

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

कलश स्थापना का मुहूर्त बहुत ही अहम होता है. 21 सितंबर को कलश स्थापना का समय सुबह 6:30 मिनट से शुरू होकर 8:22 मिनट तक रहेगा. कलश स्थापना का दूसरा शुभ समय सुबह 11:36 मिनट से 12:24 मिनट तक रहेगा. इस दिन चाहे कलश में जौ बोकर मां का आह्वान करें या नौ दिन के व्रत का संकल्प लेकर ज्योति कलश स्थापना कर सकते है.

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कौन से दिन किस देवी का पूजन का है महत्व

21 सितंबर मां शैलपुत्री की पूजा की जाएगी.

22 सितंबर मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का दिन है.

23 सितंबर मां चन्द्रघंटा की पूजा अर्चना की जाएगी.

24 सितंबर मां कूष्मांडा की पूजा के नाम रहेगा.

25 सितंबर मां स्कंदमाता की पूजा की जाएगी.

26 सितंबर मां कात्यायनी की पूजा होगी.

27 सितंबर मां कालरात्रि की पूजा संपन्न की जाएगी.

28 सितंबर अष्टमी मनाई जाएगी और इस दिन मां महागौरी की पूजा होगी.

29 को महानवमी होगी और इस दिन मां सिद्धदात्री की पूजा और कन्या पूजन होगा.

मान्यता है की नौ कन्याएं को नौ देवियों का रूप माना गया है. इसमें दो साल की बच्ची, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छ: साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शाम्भवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की कन्या सुभद्रा का स्वरूप होती हैं. ज्यादा कन्याएं हैं तो उनका भी विधिवत पूजन कर सकते है और प्रसाद बांटे. अगर पूजन के वक़्त ज्यादा कन्यायें हो जाये तो भी आप चिंता ना करें. केवल दो कन्याओं को पूजने से भी व्रत का पारायण संपन्न हो सकता है. बीएस ध्यान रहे की कन्याओं की उम्र दस साल से ज्यादा न हो.