नवगछिया : व्यवहार न्यायालय नवगछिया में उपद्रव व आगजनी मामले में पुलिस ने घटना की तह तक पहुंचने का दावा किया है. जानकारी मिली है कि नवगछिया की एसपी निधि रानी के निर्देशन में चल रहे अनुसंधान में पुलिस ने इस मामले में दूध का दूध पानी का पानी कर दिया है. अब तक पुलिस स्तर से तीन लोगों को हिरासत में लिया गया है. तीनों स्थानीय हैं. देर रात नवगछिया के वरीय पुलिस पदाधिकारी हिरासत में लिये गये तीनों लोगों से पूछ ताछ कर रही है.

यह बात भी अब तक के पुलिस अनुसंधान में स्पष्ट हो गयी है कि अपराधियों की मांशा न्यायिक कार्य में बांधा पहुंचाने की थी. पुलिस का दावा है कि मंगलवार को पुलिस इस मामले का खुलासा कर देगी. माना जा रहा है कि हिरासत में लिये गये लोगों की इस मामले में संलिप्तता है. अनुसंधान में अब सिर्फ करी दर करी को जोड़ने की आवश्यकता है. बात यह भी सामने आ रही है,

मंगलवार को फोरेंसिक एक्सपर्ट द्वारा जले हुए फाइल की जांच करायी जायेगी. इससे पता चलेगा कि आखिर उक्त फाइल या अभिलेख के नष्ट होने के बाद फायदा किसको था. नवगछिया के एसडीपीओ प्रवेंद्र भारती ने बताया कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी लेकिन इतना तय है कि पुलिस इस मामले में किसी भी अपराधी को छोड़ने नहीं जा रही है.

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कुछ घंटों के लिए पुलिस छावनी में तब्दील हो गया कचहरी परिसर

सुबह सात बजे न्यायालय में उपद्रव व आगजनी की घटना की खबर जगजाहिर होते ही नवगछिया न्यायालय परिसर छावनी में तब्दील हो गया. न्यायालय परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को उतार दिया गया. सोमवार को देर रात में भी न्यायालय की सुरक्षा में बढोतरी की गयी थी. इधर इस घटना का खामियाजा न्यायालय परिसर में कमाने खाने वाले दुकानदरों और कुछ विस्थापित लोगों को भुगतना पड़ा. नवगछिया पुलिस ने प्रशासनिक पदाधिकारियों के निर्देश पर पूरी तरह से न्यायालय परिसर को अतिक्रमण मुक्त करवा दिया था. आशंका है कि न्यायालय परिसर में रहने वाले विस्थापित लोगों ने आगजनी व उपद्रव करने वाले अपराधियों को शरण दी थी.

हो कड़ी कार्रवाई अन्यथा लोकतंत्र से लोगों का उठ जायेगा भरोसा

समाजवादी नेता गौतम कुमार प्रीतम, आजाद हिंद मोरचा के अध्यक्ष राजेंद्र यादव, नारायणपुर के समाजसेवी सुदामा साह आदि अन्य ने सरकार व पुलिस प्रशासन से मांग किया है कि इस तरह की घटना साधारण घटना नहीं है. अगर इस कृत्य को अंजाम देने वाले अपराधी बच जायेंगे तो लोगों को लोकतंत्र से भरोसा उठ जायेगा. इसलिए पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों को इस मामले में जल्द से जल्द अपराधियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजना चाहिए.