बिहार के जेपी यूनिवर्सिटी से सम्बद्ध कॉलेजों में अनुदान राशि के घोटालों का लगातार खुलासा हो रहा है.

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मुजफ्फरपुर के निगरानी विभाग की टीम ने गोपालगंज के जलालपुर स्थित एसएमडी कॉलेज के दस्तावेज खंगाले और इस मामले में कॉलेज कर्मियों का बयान दर्ज किया.

निगरानी विभाग की जांच में यह भी मामला सामने आया कि ग्रामीणों को भी कॉलेज के प्रोफेसर और लेक्चरर बनाकर उनके नाम पर लाखों रुपए की निकासी कर ली गई है, जबकि इन लोगों को यहां यह भी नहीं मालूम है कि कॉलेज कहां पर है और उसके प्राचार्य का क्या नाम नाम है?

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विजिलेंस की जांच टीम के मुताबिक, कुचायकोट के जलालपुर स्थित एसएमडी कॉलेज में सरकारी अनुदान राशि का करीब 35 करोड़ का घोटाला का मामला दर्ज किया गया है.

निगरानी के डीएसपी कामोद प्रसाद के मुताबिक, इस घोटाले की जांच गोपालगंज में विजिलेंस की टीम कर रही  है.  जांच के दौरान पुलिस को यह भी पता चला कि कॉलेज के स्टाफ उपेन्द्र कुमार के नाम पर करीब 8 लाख रुपए की निकासी की गई, जबकि उपेन्द्र कुमार की मौत वर्ष 2011 में ही हो गई थी.

दूसरा मामला विपिन कुमार का है. विपिन कुमार के मुताबिक उन्हें यह भी नहीं पता की एसएमडी कॉलेज कहां पर है  जबकि इनके नाम पर इस कॉलेज में फर्जी लेक्चरर बनाकर एक लाख आठ हजार रुपए की निकासी कर ली गई है.

बहरहाल निगरानी विभाग, मुजफ्फरपुर में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद विभाग ने जांच शुरू कर दी है, जबकि जांच में सहयोग नहीं करने को लेकर निगरानी कोर्ट ने दो सप्ताह पूर्व ही कॉलेज के प्राचार्य रामदुलार दास की गिरफ़्तारी के लिए गैरजमानती वारंट जारी कर दिया है. वारंट जारी होने के बाद कॉलेज के प्राचार्य फरार है.