नवगछिया : अनुमंडल के कोसी और गंगा नदी  के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के फलस्वरुप अनुमंडल के ईस्माइलपुर ,गोपालपुर ,खरीक एवं रंगरा प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. जिसके फलस्वरुप सैकड़ों परिवार के हजारों लोग प्रभावित हो कर बेघर हो गए हैं. खासकर नवगछिया अनुमंडल का रंगरा, ईस्माइलपुर और गोपालपुर प्रखंड क्षेत्र सर्वाधिक प्रभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र माना जा रहा है.

रंगरा प्रखंड के सहौरा , मदरौनी,   साधुआ चापर,चापर दियारा। गोपालपुर प्रखंड क्षेत्र के बोचाही, नवटोलिया ,मालपुर, अभिया ,गोसाईगांव ,लक्ष्मीपुर, डुमरिया ,कमला कुंड, बिन्द टोली, बुद्धूचक, करारी तिनटंगा आदि गांव गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं दूसरी ओर इस्माइलपुर प्रखंड के इस्माइलपुर, पूर्वी भिट्ठा, पश्चिमी भिट्ठा,  लक्ष्मीपुर, सुदन टोला, परबत्ता, विनोबा दियारा  रघुनी टोला , 519 टोला, अलावा  दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इन सभी गावों के सैकड़ों परिवार के हजारों लोग बेघर हो गए हैं और अपने परिवार की जान माल की सुरक्षा के लिए नाव के माध्यम से ऊंचे स्थानों पर शरण लेने के गांव से पलायन कर गए हैं.

बाढ़ के कारण लोगों के खाने पीने की वस्तुए, कपड़े , मवेशियों के चारे  आदी-पानी में डूब गए हैं. जिससे कि लोगों के सामने भोजन शुद्ध पेयजल एवं पशुओं के चारे की समस्या पैदा हो गई है. एक ओर जहां बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच हाहाकार मचा हुआ है. वहीं दूसरी ओर प्रशासन के बाढ पूर्व तैयारियों के   खोखले दावों की पोल खुल गई है. प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव के दावे कागजों तक  सिमट कर रह गए हैं. वहीं दूसरी ओर प्रशासन के बाढ पूर्व तैयारियों के   खोखले दावों की पोल खुल गई ह. प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव के दावे कागजों तक  सिमट कर रह गए हैं. प्रशासन अबतक  मूकदर्शक की भूमिका में है. अभी तक प्रशासन द्वारा बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच किसी प्रकार की सरकारी राहत मुहैया नहीं कराई गई है. जिससे की बाढ़ प्रभावित परिवारों के बीच प्रशासन को लेकर असंतोष बढ़ता जा रहा है.

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