नवगछिया : खरीक प्रखंड के उस्मानपुर गांव स्थित सुर्य मंदिर में छठ पूजा के अवसर पर कई तरह के आयोजन किये जाते हैं. मालूम को इस मंदिर का इतिहास करीब पचास वर्ष पुराना है. स्थानीय लोगों ने महामारी से बचने के लिए भगवान भास्कर को प्रतीकात्मक रूप से स्थापित कर पूजा अर्चना शुरू की थी. उसके बाद से उक्त स्थल पर छठ के अवसर पर कई तरह तरह के आयोजन किये जाने लगे. छठ के अवसर पर यहां पर तीन दिनों के पूजनोत्सव का आयोजन किया जाता है. जिसमें नाट्योत्सव, कुश्ती के दंगल आदि का आयोजन किया जाता है. इस अवसर पर भव्य मेला भी लगाया जाता है. मंदिर में भगवान भास्कर व छठ मैया की प्रतिमा बनाने का कार्य अंतिम चरण में है.

मूर्तिकार गुप्ता जी ने बताया कि नवगछिया अनुमंडल का यह इकलौता सुर्य मंदिर है. वे हर साल सात घोड़ों के रथ से सुसज्जित भगवान भास्कर की प्रतिमा बनाते हैं और उनके साथ छठ मैया, और छठ में अर्घ्य देने वाले एक श्रद्धालू की भी प्रतिमा बनाते हैं. गांव में उक्त त्योहार को ले कर काफी उल्लास का माहौल रहता है. मेला कमेटी के अध्यक्ष महेंद्र यादव ने कहा कि अन्य वर्ष की भांति इस वर्ष भी कई तरह के सांस्कृतिक आयोजन किये जा रहे हैं.

आकर्षण का केंद्र कुश्ती का दंगल है जिसमें दूर दराज से पहलवान आ रहे हैं.

Whatsapp group Join

पहुंचने का रास्ता : 1. नवगछिया राजमार्ग बस स्टैंड या रेलवे स्टेशन से खरीक राजमार्ग चौक
2. खरीक राजमार्ग चौक से खरीक बाजार होते हुए खरीक इमली चौक
3. फिर लगभग एक किलोमीटर का रास्ता है जो मिरजाफरी गांव होते हुए सुर्य मंदिर तक जाता है.