अक्सर ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के वक्त लोग काफी पसीना बहाते है। लेकिन अब मोदी सरकार ने लोगों को इससे निजात दिलाने के लिए एक अहम कदम उठाया है। इसी के चलते मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करने की तैयारी कर रही है।

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खबरों की माने तो ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए लोगों को कई चक्कर लागने पड़ते हैं और कई सारे फॉर्म भी भरने पड़ते हैं। अब इस समस्या से निजात दिलाने और लाइसेंस बनाने की प्रकिया को आसान बनाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम 1989 में बदलाव किया जा रहा है। नए कानून के तहत लर्निंग लाइसेंस, नया डीएल, डीएल को रिन्यू कराने के लिए अलग-अलग फॉर्म भरने की जरुरत नहीं होगी।

मौजूदा समय में राज्यों के क्षेत्रीय परिवहन कार्यायलों (आरटीओ) में लर्निग डीएल बनाया जाता है। इसके बाद एक निश्चित अवधि के बाद स्थायी डीएल बनवाने के लिए आवेदनकर्ता को नया फार्म भरना पड़ता है। ऐसे ही डीएल को रीन्यू कराने, मोटरसाइकिल और स्कूटर के लाइसेंस को कार के लाइसेंस में बदलवाने, डीएल में नाम चेंज करवाने, डुप्लीकेट डीएल बनाने जैसे हर काम के लिए अलग-अलग फॉर्म भरना पड़ता है लेकिन नियमों में बदलाव के बाद ऐसा नहीं होगा।

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नए नियम के तहत अब नया फॉर्म-2 लागू होगा। लोगों को सभी कामों के लिए सिर्फ फॉर्म नंबर 2 भरना होगा। इसमें लोगों को आधार कार्ड नंबर के साथ समस्त जरुरी जानकारियां ही देनी होगी। इसके साथ ही ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में गड़बड़ी को रोकने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य भी किया जा सकता है। डील में होने वाली गड़बड़ी को लेकर केंद्रीय सड़क राजमार्ग मंत्रालय भी सख्त कदम उठाएगी।

ड्राइविंग लाइसेंस ऑफलाइन और ऑनलाइन होनों तरीकों से बनाया जा सकता है। ऑफलाइन तरीके के जरिए नजदीकी आरटीओ में फॉर्म भरकर आवेदन करना होता है। वहीं ऑनलाइन प्रक्रिया में मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवेज की सारथी वेबसाइट (sarathi.nic.in) पर जाकर आवेदन करना होता है।