नवगछिया : दीपों का त्योहार बस दस्तक देने को तैयार है। दीपावली 19 अक्टूबर को मनाई जाएगी। इसके दो दिन दिन पहले 17 अक्टूबर को धनतेरस की तिथि पड़ेगी। इसी दिन से पांच दिनों तक दीपोत्सव का पर्व आरंभ हो जाएगा।

पंडित दयानंद  पाण्डेय ने बताया कि दीवाली के पूरे दिन चित्रा नक्षत्र रहेगा। जातक कुंभ लग्न में अपराह्न 2:39 बजे से शाम 4.10 बजे तक स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं। शाम में 7:15 बजे से रात के 9:11 बजे तक वृष लग्न में पूजा करने श्रेष्ठ है। व्यापारियों के लिए दिवाली की रात सिंह लग्न में पूजा करना विशेष फल देगा। सिंह लग्न दीवाली की रात 1:43 बजे से सुबह 3:57 बजे तक है।

वृष लग्न में होगी धनतेरस की पूजा

दीपोत्सव का पहला दिन धनतेरस के दिन औषधि के देवता भगवान धन्वंतरी की पूजा होती है। पंडित अजीत पाण्डेय ने ऋषिकेश पंचांग के हवाले से बताया कि धनतेरस के दिन वृष लग्न में सामान की खरीदारी के साथ पूजन करें। इस दिन सोने-चांदी के बर्तन, आभूषण के साथ स्टील के बर्तनों की भी खरीदारी की जाती है। पंडित बुद्धन ओझा ने बताया कि सुबह से लेकर रात्रि 11 बजे तक खरीदारी करना शुभ है। इस दिन भगवान लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा की खरीदारी करना शुभ फल देगा। पंडित अजीत पाण्डेय ने बताया कि चांदी के आभूषणों की खरीदारी करना शुभ होता है। शास्त्रों में वर्णित है कि चंद्रमा शांति और शीतलता का प्रतीक है। परिवार और धन-संपदा की वृद्धि के लिए लोग धनिया के बीज की भी खरीदारी करते है।

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20 को गोवर्धन पूजा

दिवाली के अगले दिन 20 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा है, जिसे अन्नकूट भी कहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण के साथ गौ की पूजा की जाएगी। पंडित रामजी  ने बताया कि गोवर्धन पूजा के दिन सुबह का मुहूर्त 6:28 बजे से 8:43 बजे तक है। वहीं शाम में 3:27 बजे से 5:42 बजे तक शुभ मुहूर्त है।

21 को भैया दूज

21 अक्टूबर को भैया दूज का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन बहनें अपनी भाइयों की रक्षा के लिए व्रत करेंगी। कायस्थ समाज के लोग इसी दिन भगवान चित्रगुप्त की पूजा करते हैं।