दिल्ली : कल नीति आयोग के बैठक में भाग लेने के लिए बिहार के सीएम नितीश कुमार दिल्ली में थे जहाँ पर उन्होंने पीएम के सामने अपनी बात रखी. सीएम नीतीश ने कहा कि पिछले कई सालों से सीमित संसाधन के वाबजूद हम दोहरे अंक में विकास दर को हासिल किए हुए हैं. फिर भी हम विकास के मापदंडो प्रति व्यक्ति आय, औद्योगिकरण, सामाजिक और भौतिक आधारभूत संरचना, गरीबी रेखा में आज भी राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं.

सीएम ने कहा कि देश की आजादी के बाद कई राज्यों ने तेजी से विकास किया लेकिन कई इससे वंचित रहे. इससे जो अंतर पैदा हुआ है उसको पाटने में वित्त आयोग की अनुशंसाएं और केंद्र की नीतियां भी असफल रही है. देश में में विकास के टापू बन गए हैं, असामनता को दूर करने के लिए तीन स्तरीय लघु, मध्यम और दीर्घकालीन रणनीति बननी चाहिए. केंद्र प्रायोजित योजनाओं से बिहार को 2015-16 में 23988 करोड़ रुपये की जगह मात्र 15923 करोड़ रुपये ही मिला, 2016-17 में 28777 करोड़ रुपए की जगह मात्र 17123 करोड़ रुपये मिले इन दो सालों में बिहार को 19690 करोड़ रुपया का नुक्सान उठाना पड़ा है. सीएम ने  पीएम मोदी से सात निश्चय योजना में मदद करने की भी अपील की. उन्होंने पीएम मोदी के समक्ष मिड डे मील और बाल विकास के पूरक पोषाहार कार्यक्रम के क्रियान्वयन का मुद्दा भी उठाया और इसकी वैकल्पिक व्यवस्था करने की बात कही और साथ ही मिड डे मील पर बोलते हुए कहा कि शिक्षकों का ध्यान ज्यादातर स्कूल के बच्चों के लिए खाना बनवाने और खिलाने में लगा रहता है.