ढोलबज्जा :  नवगछिया प्रखंड के कोसी पार, कदवा दियारा पंचायत के आदर्श उच्च विद्यालय कदवा में, बुधवार के दिन छात्रवृत्ति व पोशाक की मांग को लेकर, सैकड़ों की संख्या में आए छात्र छात्राओं ने प्रधानाध्यापक संजीव कुमार सिंह के खिलाफ हंगामा करना लगा. हंगामे में सभी छात्र नवमी व दसवीं कक्षा के थे. जहां छात्रसंघ उज्वल कुमार, धीरज कुमार, रवींद्र कुमार, दीपक कुमार, आशीष कुमार, राजीव कुमार, व नीरज नयन के साथ उपस्थित सैकड़ों छात्र छात्राओं ने विद्यालय प्रभारी पर करीब 98 लाख की राशि के गबन का आरोप लगा रहे थे.

सभी का कहना था कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2016-17 में किसी भी 9 वीं व 10 वीं के छात्रों के बीच छात्रवृत्ति, पोशाक, साइकिल या नैपकिन की राशि का वितरण नहीं किया गया है. हर वर्ष, एक नया-नया कानून या बहाना बनाकर, साल में 3 परीक्षा लेने के नाम पर, हम लोगों से हर बार ₹125 करके ले लेते हैं. 2015-16 में सिर्फ साइकिल की राशि वितरण कर, छात्रवृत्ति की राशि अपने पैकेट में हेड मास्टर साहब ने रख लिए. वित्तीय वर्ष 2016-17 में तो अब तक कोई भी राशि नहीं मिला है. अपनी राशि को लेकर, जब कुछ छात्र लोग बीते मंगलवार के दिन यूको बैंक ढोलबज्जा गए तो वहां बैंक मैनेजर ने सभी छात्र छात्राओं से बोला कि इसमें पूरा गलती तुम्हारा हेडमास्टर का है.

इसलिए कोई भी राशि तुम लोगों के खाते में नहीं गया है. छात्र बताते हैं कि वर्ष2017 के वार्षिक परीक्षा के बाद प्रायोगिक परीक्षा लेते समय हर छात्र-छात्राओं से प्रधानाध्यापक के द्वारा ₹200 करके लिया गया. इसमें कुछ ग्रामीण भी शामिल हैं. हर साल परिभ्रमण के लिए ₹20000 आता है जिससे हेड मास्टर सिर्फ अपनी जेब मोटी कर लेते हैं. खेल सामग्री से लेकर, दसवीं में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए छात्र छात्राओं का भी पैसा अपने पास ही रख लेते हैं. स्कूल में बाथरूम की भी व्यवस्था नहीं है. हम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जो छात्र-छात्राएं नौवीं पास कर दसवीं में नामांकन कराए हैं उसे अगले 2 वर्षों से ना तो रसीद ना ही स्कूल के आई डी कार्ड मिला है.

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हम सभी से नामांकन के नाम पर 200 से 300 तक वसूले गए हैं. 5रुपए करके प्रत्येक छात्रों से बिजली बिल लिया जाता है, लेकिन विद्यालय में कोई भी विद्युत उपकरण नहीं लगाए गए. जब हम सभी छात्र-छात्राएं अपना रशीद मांगते हैं तो, विद्यालय प्रभारी पिटाई करने लगते हैं. उस पिटाई में फंटूश कुमार को गले में गंभीर चोट आने से घाव बन गए थे जो अभी तक निशान बने हुए हैं. हम सभी छात्र-छात्राएं बड़े ही कठिनाई से यहां पढ़ने पहुंचते हैं. जब हम लोग कुछ दिन पहले हंगामे की बात करने लगे तो 20 जुलाई के दिन, डर से विद्यालय प्रभारी ने बैंक अकाउंट में करीब पांच लाख रुपए जमा कर दिए. जबकि इस तिथि को विभाग से कोई भी राशि का आवंटन नहीं हुआ है. हम सभी छात्र इन सभी उक्त बातों को उच्च पदाधिकारियों से जांच कराने की मांग करते हैं.

  उक्त सभी बातों को लेकर हंगामे कर रे छात्र छात्राओं के दर्जनों अभिभावक भी विद्यालय परिसर पहुंच गया और सभी जनप्रतिनिधियों को बुलाकर विद्यालय से संबंधित सारी अनियमितता को बताया. उसके बाद जब प्रभारी श्री सिंह से गहन पूछताछ किया गया तो, उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 में छात्रवृत्ति पोशाक व साइकिल की सभी राशि बांटा चला गया है. 2016-17 का बाकी है जो एससी, बीसी 1 व सामान्य छात्र-छात्राएं मिलाकर, कुल 530 को 1800 रुपए करके 9 लाख 54 हजार देना है. और 2015-16 में कुल 340 बच्चे को 1800 रुपया करके 6 लाख 80 हजार400 रुपए की राशि बांटनी बाकी है. जिसके लिए सभी बच्चों से आधार नंबर लिया जा रहा है.

केवाईसी से संबंधित सभी प्रक्रिया पूर्ण कर, जल्द ही 31 अगस्त तक में सभी के खाते पर पैसे दे दिया जायेगा. अभी भी विद्यालय से संबंधित कुल राशि 37 लाख 77 हजार रुपए अकाउंट पर जमा है. परिभ्रमण के लिए जो 20,000 की राशि आया था, उसमें से 18000 सहायक शिक्षक सिकंदर कुमार भास्कर को देकर, करीब साठ बच्चों को परिभ्रमण करा दिया गया है. वही बिना ग्रामीणों को बैठाए मनमानी तरीके से विद्यालय शिक्षा समिति का गठन किए जाने से सभी लोग हेड मास्टर पर भड़क उठे.  प्लस टू के शिक्षक पंकज कुमार ने कहां की यहां पढ़ाई में काफी अनियमितता होती है. बच्चों के साथ शोषण किया जा रहा है. कोई भी शिक्षक समय से विद्यालय नहीं पहुंचते. कोई 11 तो कोई 12:00 बजे तक विद्यालय पहुंचते हैं. मजबूरन बच्चे लोग प्राइवेट संस्थान में जाकर, पढ़ाई करते हैं.

जिससे अभिभावकों का जेब कटता है. 4 लाख का कंप्यूटर ऐसे बेकार पड़ा हुआ है. जिसका शिक्षा बच्चों को नहीं मिल पा रहा है. यहां शिक्षकों की कमी है, जिसे व्यवस्थित कर बच्चों  को नहीं पढ़ाया जाता है. बच्चों में शिक्षा व सही संस्कार देने का काम हाई स्कूल के कोई भी शिक्षक नहीं करते हैं. वही उपस्थित मुखिया अजय कुमार ने विद्यालय प्रभारी को फटकार लगाते हुए 15 अगस्त के बाद पुनः शिक्षा समिति का गठन कर, सुचारु रुप से विद्यालय को चलाने को कहा. एडमिशन के बाद एक भी रुपया बच्चे से लेने को नहीं कहा गया. बिजली बिल भी यदि लिया जाता है तो सरकार के आदेशानुसार दो किस्तों में बच्चों से पांच रुपैया ही लिया जाय. यहां विद्यालय में कोई भी बाहरी राजनीति नहीं चलेगी. मौके पर प्रमुख प्रतिनिधि शैलेंद्र सिंह, पूर्व प्रमुख अमोद सिंह, मुखिया अशोक सिंह, सरपंच सिराज साह, विधायक प्रतिनिधि दयानंद सिंह, उप मुखिया प्रतिनिधि मृत्युंजय सिंह, निरंजन भारती व विद्यालय के सभी शिक्षकों के साथ अन्य अभिभावक लोग भी उपस्थित थे.