अधिकमास समाप्त होने के बाद शादी मुहूर्त और मंगल कार्य शुरू हो गए हैं। जून और जुलाई में 11 मुहूर्त हैं लेकिन इनमें से चार निकल चुके हैं। और अब सात ही बचे हैं। इसके बाद 19 नवंबर तक इंतजार करना पड़ेगा। 13 जून से शादिया शुरू हो चुकी हैं।

22, 23, 25 और 29 जून को शादिया हो सकेंगी। इसी तरह 5, 6 और 10 जुलाई को भी मागलिक कार्य हो सकेंगे। पंडित अजीत पाण्डेय ने बताया कि 23 जुलाई को देवश्यनी एकादशी के साथ ही मागलिक कार्य बंद हो जाएंगे। 19 नवंबर को देवउठनी एकादशी से फिर मांगलिक कार्यो की शुरुआत होगी।

जुलाई के बाद चार माह मागलिक कार्य के लिए इंतजार करना पड़ेगा। 23 जुलाई आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देवशयनी एकादशी होने के कारण चातुर्मास शुरू हो जाएगा। जो 19 नवंबर तक चलेगा।

देवउठनी एकादशी के बाद ही शुभ मुहूर्त शुरू होंगे। इसके बाद 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक धनुर्मास या मलमास रहने के कारण विवाह नहीं हो पाएंगे। 13-14 नवंबर से 8 दिसंबर तक गुरु अस्त रहने के कारण विवाह नहीं हो पाएंगे। 21 जुलाई को भी अबूझ मुहूर्त की शादिया हो सकेंगी।

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