PATNA: मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव यह उस ठग का नाम हैं जिसने ताजमहल, लाल किला, राष्ट्रपति भवन और संसद भवन को बेच डाला। इसे लोग नटवरलाल के नाम से भी जाना करते थे।

मिथिलेश बिहार का रहने वाला था और उसका जन्म 1912 में सीवान ज़िले के बंगरा गांव में हुआ था। इस ठग को देश भर के सभी चीटर अपना आदर्श मानते हैं। नटवरलाल ने अपनी ज़िंदगी में कई लोगो को चूना लगाया था।

 उसने भोले-भाले लोगों से करोडों रूपए ऐठें। मिथिलेश के जाल में बड़े बड़े उद्योगपति भी फंस चुके हैं। मिथिलेश के 50 से अधिक फ़र्ज़ी नाम थे और वो हमेशा अपना नाम बदलता रहता था। उसे जाली हस्ताक्षर करने में महारत हासिल थी जिसके दम पर वो लोगो को चूना लगाता था।

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 इस ठग पर 100 से अधिक केस दर्ज थे और इसे 8 राज्यों की पुलिस ढूंढ रही थी। वो कई बार पकड़ा भी गया और उसे 113 साल की सज़ा भी हुई। लेकिन वो हमेशा पुलिस की आंखों में धूल झोंककर चंपत हो जाता था। वो आख़िरी बार 84 साल की उम्र में साल 1996 में भागा था।

 मिथिलेश कुमार श्रीवास्तव की मौत रहस्यमयी रही। उसके वकील ने साल 2009 में अदालत में एक अर्जी दायर की जिसमें कहा गया था कि उनके खिलाफ लंबित 100 से अधिक मामलों को रद्द कर दिया जाए।

  क्योंकि 25 जुलाई 2009 को उनकी मृत्यु हो गई है। लेकिन उसके भाई का कहना हैं कि उसकी मौत तो 1996 में ही होग ई थी और उसका क्रियाकर्म रांची में किया गया था।