गंगा

इस बार गर्मी में भागलपुर के लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। एशियन डवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने गंगा के इस क्षेत्र को डॉल्फिन सेंचुरी के लिहाज से इको सेंसिटिव जोन बताकर किसी अतिरिक्त गतिविधि पर रोक लगा दी है।

जिससे लोगों के सामने पानी की बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। बताया जा रहा है कि गंगा में नया चैनल बनाकर बरारी वाटर वर्क्स तक पानी लाने का काम शुरू होने से पहले ही रोक दिया गया। शुक्रवार से नया चैनल बनना था, इसके पहले पैन इंडिया द्वारा बनाए जा रहे चैनल का काम भी रुक गया है ।

 ऐसे में शहर की जलापूर्ति कभी भी ठप हो सकती है। वाटर वर्क्सइ की हालत यह है कि चार में तीन तालाब लगभग सूख चुके हैं और इंटकवेल में पानी की कमी के कारण एक बार में एक ही मोटर चलाई जा रही है। ऐसे में अगर अगले 24 घंटे में स्थिति नहीं सुधरी तो जलापूर्ति ठप होना तय है।
 निरीक्षण कर रोका चैनल का काम: एडीबी द्वारा आदेश जारी करने से पहले शुक्रवार को इस प्रोजेक्ट के लिए बुडको से नियुक्त इनवायरमेंटल एक्सपर्ट लता चौधरी भागलपुर पहुंचीं। उन्होंने पैन इंडिया के प्रोजेक्ट इंचार्ज शशिमोहन सिंह के साथ वाटर वर्क्सए में जाकर वस्तु स्थिति देखी और एडीबी की आपत्ति से अवगत कराया।
 शाम में बुडको से कार्यपालक अभियंता विजय चन्द्र शर्मा भी पहुंचे। कहा कि एडीबी का स्पष्ट निर्देश है कि ऐसा कोई काम नहीं होगा, जो पर्यावरण अधिनियम के तहत नहीं है। एडीबी ने बुडको के अधिकारियों को दिए निर्देश में दो टूक कहा है कि गंगा में चैनल बनाने से अगर कुछ कानूनी मामला बना तो कांट्रैक्टर कंपनी जिम्मेदार होगी।
 अभी इस प्रोजेक्ट के तहत कुछ नहीं हो सकता है। इनवायरमेंटल एक्सपर्ट लता चौधरी ने पैन इंडिया के अधिकारियों से यह भी कहा है कि जहां जलमीनार या अन्य किसी कार्य के लिए पेड़ काटे जा रहे हैं, वहां उसी वक्त पौधरोपण भी कराएं।