जिला मुख्यालय व आसपास के ग्रामीण इलाकों में लगभग एक सौ से भी अधिक लोग नकली एवं प्रतिबंधित दवा के कारोबार में शामिल हैं। कई लोग चोरी-छिपे दुकान से धंधे को अंजाम देते हैं और कई नामी गिरामी दवा विक्रेता बदनामी एवं पकड़े जाने के भय से घरों या अन्यत्र गोदाम से इस धंधे को अंजाम देते हैं। कई दवा के माफियाओं ने इस काम के लिए फेरी वाले लड़कों को बहाल कर रखा है।

इन लड़कों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्र के विभिन्न भागों में दवा दुकानों में दवा की आपूर्ति की जाती है। इसी नेटवर्क को तोड़ने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है। ड्रग इंस्पेक्टर शिव किशोर चौधरी ने बताया कि सात दिनों के अन्दर में 32 दुकानों को निलंबित किया गया है। इनमें ओमसाई फार्मा गुठनी, मां विद्यावती मेडिकल हॉल जीरादेई, महावीर ड्रग स्टोर छपिया हुसैनगंज, संजय मेडिकल हॉल मोलेश्वरी चौक आदि के नाम शामिल हैं।

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जिले में औषधि नियंत्रण प्रशासन की ओर से मेडिकल स्टोर में की जा रही छापेमारी से दवा दुकानदारों के बीच हड़कंप मचा है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर की जा रही लगातार छापेमारी के दौरान दवा दुकान में कई प्रकार की अनियमितताएं पाई जा रही हैं। जिले की सहायक औषधि नियंत्रक संगीता कुमारी ने बताया कि ड्रग इंस्पेक्टरों द्वारा शहर की कई दवा दुकानों में छापेमारी की जा रही है। कई दवा दुकानों पर फार्मासिस्ट नहीं पाए जा रहे हैं तो कई दुकानदारों ने अपने लाइसेंस रिनुवल नहीं कराए हैं। कई दवा दुकानदार ऐसे भी हैं नियमों को तक पर रख कर कई प्रतिबंधित दवाइयों को भी बेंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि एक हफ्ते में ऐसे करीब डेढ़ दर्जन दुकानों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। तमाम कमियों को लेकर दवा दुकानों में छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है।

डेढ़ दर्जन दवा विक्रेताओं का लाइसेंस कैंसिल

सहायक औषधि नियंत्रक संगीता कुमारी ने बताया कि जिले में बिना लाइसेंस के चलायी जाने वाली दवा दुकानों के बारे में सूचना एकत्रित की जा रही है। ऐसे प्रतिष्ठानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। प्रतिबंधित दवाइयों पर रोक से संबंधित निरीक्षण जारी है। फार्मासिस्ट नहीं रखने वाले तथा मानक के विरुद्ध चल रहे डेढ़ दर्जन दवा विक्रेताओं का लाइसेंस निलंबित किया गया है।