करीब 26 घंटे से 110 फीट गहरे बोरवेल में गिरी तीन साल की मासूम बच्ची सना को बचा लिया गया है। कुछ ही देर में एनडीआरएफ की टीम उसे बोरवेल से लेकर बाहर आएगी। 28 घंटे की जद्दोजहद के बाद गहरे बोरवेल में फंसी बच्ची के पास अाखिरकार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई और उसे बचा लिया। सना के निकलने की खबर मिलते ही चारों ओर खुशी का माहौल है। उसके बोरवेल से निकलने से पहले मौके पर मौजूद जवानों ने सुरक्षा घेरा बना लिया गया है। वहां बीच-बीच में बारिश भी हो रही है।
रिमझिम पड़ती बूंदों के बावजूद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के राहत और बचाव कार्य जारी रहा और फिर सफलता मिली। बच्ची को निकालने के साथ ही एंबुलेंस से उसे अस्पताल ले जाया जाएगा। इसके लिए पुलिस की टीम ने घटनास्थल को चारों ओर से घेर लिया है। लोगों की भीड़ काफी संख्या में मौजूद है।
इससे पहले बच्ची को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने हैंड डिगिंग शुरू कर दिया था, ये तब किया जाता है जब टीम अपनी मंजिल पर पहुंच चुकी होती है। घटनास्थल पर मेडिकल की टीम के साथ ही पुलिस की टीम भी अलर्ट है ।
बोरवेल में फंसी बच्ची 27 घंटे तक जिंदगी के लिए संघर्ष करती रही। मौके पर मौजूद डॉक्टरों की टीम लगातार बच्ची की एक-एक हरकत पर नजर बनाए थी। उसे लगातार पाइप से अॉक्सीजन दिया जा रहा था।
घटना मंगलवार की शाम चार बजे की है। बुधवार की सुबह बोरवेल से उसकी आवाज नहीं आ रही थी। लेकिन मंगलवार रात तक उसकी अंदर से ‘पापा…पापा’ की आवाज पूरे माहौल को गमगीन कर रही थी।