साल का पहला सूर्य ग्रहण 6 जनवरी को लग चुका है। अब बारी है 21 जनवरी को लगने वाले चंद्र ग्रहण की। इस ग्रहण की खास बात यह है कि पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा।लेकिन इसे सुपर ब्लड वूल्फ मून कहा जा रहा है। इस साल एक और चंद्र ग्रहण लगेगा स जो 16 जुलाई को भारतीय समयामुसार दोपहर 1.31 बजे से शाम 4.40 बजे तक लगेगा।

21 जनवरी को लगने वाले चंद्र ग्रहण मध्य प्रशांत महासागर, उत्तरी/दक्षिणी अमेरिका, यूरोप और अफ्रीका में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार, यह ग्रहण रात 08:07:34 से अगले दिन 13:07:03 बजे तक रहेगा। इस चंद्र ग्रहण को सुपर मून इसलिए कहा जाता है क्योंकि में चांद सामान्य दिनों की तुलना में बड़ा और ज्यादा चमकीला नजर आता है। ग्रहण के समय चांद पृ्थ्वी पर पास होता है जिसके कारण चांद सुर्ख लाल (गहरा भूरा) रंग का हो जाता है। रात के अंधेरे में यह नजारा काफी अद्भुत होता है। जिसके कारण इसे ब्लड मून भी कहा जाता

इस ग्रहण को नेटिव अमेरिकी जनजातियों ने वोल्फ मून नाम दिया है। पूर्णिमा की रात को भोजन की तलाश में निकलने वाले भेड़िये उसे देखकर जोर-जोर से आवाज लगाते हैं। इसलिए इस चंद्र ग्रहण को यह यूनीक नाम दिया गया है।

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