1600 करोड़ के सृजन घोटाले में फरार चल रहे अमित कुमार और उसकी प|ी रजनी प्रिया उर्फ प्रिया कुमार पर जारी लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) की वैद्यता 30 सितंबर 2018 को समाप्त हो गई है।
आगे दोनों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी रहेगा या निरस्त होगा, इस संबंध में अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के एसपी-सी ने भागलपुर एसएसपी से दो दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है। दोनों के खिलाफ भागलपुर के अलग-अलग थानों में 20 से अधिक केस दर्ज हैं, जिसकी जांच अब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो कर रही है। फिलहाल तिलकामांझी थाने में सृजन घोटाले से संबंधित तीन केसों में दोनों पर एलओसी जारी हुआ था। बता दें कि सृजन घोटाले में अमित और प्रिया दोनों मास्टर माइंड हैं। सीबीआई की जांच में दोनों दोषी पाए गए हैं और इनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट भी फाइल की जा चुकी है। अब तक दोनों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। दोनों के भारत छोड़ विदेश भागने की आशंका को देखते हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो, नई दिल्ली के अनुरोध पर एलओसी जारी हुआ था।
सीबीआई ने सृजन घोटाले में दोनों पर फाइल की है चार्जशीट
क्या है लुक आउट सकुर्लर
लुक आउट नोटिस एक इंटरनल सर्कुलर की तरह होता है। इसमें जांच एजेंसी को किसी शख्स के बारे में जैसी जानकारी चाहिए होती है, उस हिसाब से जारी किया जाता है। इसमें उसे रोकने से लेकर गिरफ्तारी तक शामिल है। लुकआउट नोटिस सीधे एयरपोर्ट इमीग्रेशन विभाग को भेजा जाता है और उसमें जिस शख्स को रोका जाना होता है उसके बारे में जानकारी देते हुए निर्देश दिए जाते हैं। एयरपोर्ट के भीतर घुसने से रोक दिया जाए, विमान में ना चढ़ने दिया जाए, शख्स के आने पर सूचना दें। एयरपोर्ट इमीग्रेशन विभाग आईबी यानि इंटेलीजेंस ब्यूरो के अधीन आता है।
माल्या पर भी जारी हुआ था एलओसी
विजय माल्या के खिलाफ भी इस तरह का एलओसी जारी हुआ था। जिसके सर्कुलर में जिक्र था कि उनके एयरपोर्ट पर आने की सूचना दी जाए। जब विजय माल्या दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचे तो इमीग्रेशन अधिकारियों ने सीबीआई को इसकी सूचना दी और अगला निर्देश पूछा था। लेकिन सीबीआई ने उन्हें रोकने को नहीं कहा और माल्या लंदन चले गए थे।