पटना. राजधानी के उपभोक्ताओं के घरों में लगा बिजली मीटर जल्द बदला जाएगा। इसकी तैयारी बिजली कंपनी ने पूरी कर ली है। बिहार के 18 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ समझौता किया है। अब दोनों डिस्ट्रीब्यूशन कंपनियां अपने उपभोक्ताओं की सूची एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड को सौंपेगी। इस सूची में शामिल उपभोक्ताओं का सर्वे कराने के बाद एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड राज्य के उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाएगी। पहले चरण में पेसू क्षेत्र के 5.25 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगेगा। बिजली कंपनी मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक राज्य के 130 शहरों के 18 लाख उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का समझौता एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड के साथ किया गया है।

बकायदारों की कटेगी बिजली

जिस तरह मोबाइल कंपनियां बिल अपने पोस्टपेड उपभोक्ताओं का आउट गोइंग बंद कर देती है। ठीक उसी तरह साउथ बिहार और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी अपने बिल बकाया रखने वाले उपभोक्ताओं का कनेक्शन मुख्यालय से ही काट देगी या खपत के लिए गए भार को कम कर देगी। यानी, आपने अपने घर में बिजली खपत के हिसाब से चार किलोवाट भार का बिजली कनेक्शन लिया है। तय समय सीमा के अंदर बिजली बिल जमा नहीं किया तो आपके स्वीकृत भार में कमी कर आधा किलोवाट कर दिया जाएगा। इसके बाद आप सिर्फ बल्ब जला सकेंगे। जैसे ही आप पंखा, कूलर, एसी, फ्रीज ऑन करेंगे, आपकी बिजली गुल हो जाएगी।

एप पर मिलेगी खपत की जानकारी, नहीं होगी मीटर रीडिंग

स्मार्ट मीटर लगने के बाद मीटर की रीडिंग नहीं होगी। मोबाइल में खपत होने वाले डाटा की सूचना आपको मैसेज के माध्यम से मिलती है। ठीक उसी तरह स्मार्ट मीटर से खपत होने वाली बिजली की जानकारी मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से मिलेगी। आप जब चाहेंगे, एप पर जाकर बिजली खपत की विस्तृत जानकारी ले सकेंगे।

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उपभोक्ताओं के अनुरोध पर लगेगा प्रीपेड मीटर

राजधानी के सभी उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगेगा। स्मार्ट मीटर लगने बाद उपभोक्ताओं के अनुरोध के अनुसार प्रीपेड और पोस्टपेड कनेक्शन जारी होगा। वर्तमान समय में हर उपभोक्ता के घर में पोस्ट पेड मीटर लगा है। ऐसी स्थिति में एक साथ प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने पर बिजली कंपनी को करोड़ों रुपए के राजस्व नुकसान का समाना करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में बिजली कंपनी सभी उपभोक्ताओं के घरों में पोस्टपेड मीटर लगाएगी। जो उपभोक्ता प्रीपेड मोड में आना चाहते हैं, उनको बकाया पूरा बिजली बिल जमा करना होगा। इसके बाद प्रीपेड में स्मार्ट मीटर कन्वर्ट हो जाएगा।