माघ महीने के शुक्ल पक्ष की वसंत पंचमी को मनाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मां सरस्वती पूजा को लेकर शैक्षणिक संस्थान और संगठनों ने पांडाल लगाना शुरू कर दिया है। मूर्तिकार मां सरस्वती की मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं। वसंत पंचमी 30 जनवरी को मनाई जाएगी। पर्व को लेकर बाजारों में भी चहल- पहल बढ़ गई है।

मूर्तिकाराें के यहां मूर्ति ले जाने वालाें की भीड़ लग रही है। लोग अपने बजट के अनुसार सरस्वती की प्रतिमा की खरीदारी कर रहे हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज कुमार मिश्र ने बताया कि पुराणों में वर्णित एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने देवी सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन सरस्वती की आराधना की जाएगी। पारंपरिक रूप से यह त्योहार बच्चों की शिक्षा शुरुआत के लिए शुभ माना जाता है।

इसी दिन बच्चे की पढ़ाई- लिखाई का भी श्रीगणेश किया जाता है। बच्चों को प्रथम अक्षर यानी पहला शब्द लिखना और पढ़ना सिखाया जाता है। वसंत पंचमी के दिन लोग माल पुआ, खीर, बुंदिया सहित अन्य पकवान देवी- देवताओं को चढ़ाते हैं। वहीं बच्चे पतंगबाजी भी करते हैं। उन्होंने बताया कि पंचमी तिथि 29 को सुबह 8:30 से 30 जनवरी काे 10:39 बजे तक मुहूर्त है। ज्याेतिषाचार्य ने बताया कि इस वर्ष सिद्धियोग है। ऐसा संयोग कई वर्षों में एक बार आता है।

Whatsapp group Join

पीले रंग के वस्त्र को माना जाता है मंगलकारी

वसंत पंचमी के दिन महिलाएं पीले रंग के परिधान पहनती है। पुरुष पीली धोती और गमछा पहनते हैं। हिन्दू परंपरा में पीले रंग को शुभ माना गया है। यह रंग सौम्य उष्मा का प्रतीक है। इस रंग को वसंती रंग भी कहा जाता है। पर्व को लेकर फल के रेट बढ़ गए हैं। सेव 80 से 120 रुपए किलाे, बेर 80 रुपए प्रति किलाे, मिसरीकन 40 रुपए, अमरूद 100 रुपए, गाजर 40 रुपए, अंगूर 140 से 180 रुपए प्रति किलो, केला 25 से 40 रुपए दर्जन, अनार 100 रुपए प्रति किलो और नारियल 40 से 50 रुपए प्रति पीस बिक्री हो रही

आज सुबह 8:30 बजे से शुरू हो जाएगा शुभ मुहूर्त

और पढ़ना सिखाया जाता है। वसंत पंचमी के दिन लोग माल पुआ, खीर, बुंदिया सहित अन्य पकवान देवी- देवताओं को चढ़ाते हैं। वहीं बच्चे पतंगबाजी भी करते हैं। उन्होंने बताया कि पंचमी तिथि 29 को सुबह 8:30 से 30 जनवरी काे 10:39 बजे तक मुहूर्त है। ज्याेतिषाचार्य ने बताया कि इस वर्ष सिद्धियोग है। ऐसा संयोग कई वर्षों में एक बार आता है।