नवगछिया : पूर्वोत्तर बिहार समेत देश के अन्य हिस्सों को भागलपुर से जोड़ने वाली गंगा पर बनीं विक्रमशिला सेतु पर 28 सितम्बर 15 अक्टूबर तक परिचालन बंद रहेगा, जिससे भागलपुर के व्यवसायिक मंडी पर न केवल प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, बल्कि अरबों रुपयों के कारोबार प्रभावित होंगे. यही कारण है कि विक्रमशिला सेतु पर परिचालन बंद करने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है.

गौरतलब है गंगा पर बनी विक्रमशिला सेतु न केवल भागलपुर जिला के दो क्षेत्रों को आपस में जोड़ती है, बल्कि पूर्वोत्तर बिहार समेत अन्य राज्यों के लिए भी सेतु का काम करती है. गत 23 जुलाई 2001 को तत्कालीन मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने पुल का उद्घाटन किया था जबकि इसकी नींव 15 नवंबर 1990 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने रखी थी और अब 17 साल के बाद पहली बार पुल पर 28 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक वाहनों का परिचालन बंद रहेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक विक्रमशिला सेतु के पाया संख्या तीन और चार में आई दरार का मरम्मतीकरण का काम किया जाना है. विक्रमशिला सेतु से होकर प्रतिदिन हजारों की संख्या में छोटी-बड़ी गाड़ियों का परिचालन होता है. पुल बनने के बाद भागलपुर का बाजार व्यवसायिक मंडी के रूप में विकसित हुआ और आज न केवल बिहार के कई जिले बल्कि झारखंड और पश्चिमबंगाल के कारोबारी प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर कारोबार से जुड़े हैं.

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दरअसल, विक्रमशिला सेतु पर परिचालन बंद होने से कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने से व्यवसायी और कारोबारी सशंकित हैं और परिचालन बंद करने से पहले वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग करने लगे हैं. बताया जाता है व्यवसायियों ने भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन से मामले की शिकायत की है और केन्द्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी पुल के मरम्मत से पहले वैकल्पिक रास्ता दिए जाने की मांग की है.

उल्लेखनीय है अंग क्षेत्र की धड़कन बन चुकी विक्रमशिला सेतु के मरम्मत को लेकर विभाग से लेकर अधिकारियों की नजर टिकी है. सेतु के माध्यम से सैकड़ों छात्र समेत विभिन्न कार्यालयों में नौकरी करने वालों को 20 दिनों की इस तकलीफ ने चेहरे पर चिंता की नई लकीरें खींच दी है.