विक्रमशिला के समानांतर तैयार होने वाले पुल की जगह बदल सकती है। नये एलाइनमेंट के तहत पुल का निर्माण कार्य ग्रीन क्षेत्र (आबादी से दूर) से कराने पर बात हुई है। बुधवार को मंत्रालय से आयी टीम ने भविष्य की योजनाओं को देखते हुए विक्रमशिला से दूर नये पुल के निर्माण की बात कहीं। इस पर एनएच के कार्यपालक अभियंता राजकुमार ने टीम को खनकित्ता का क्षेत्र दिखाया। जहां आसानी से नये पुल का निर्माण कराया जा सकता है।

पुल निर्माण निगम के द्वारा बनायी गयी डीपीआर के मुताबिक महिला आईटीआई के पास से पुल के निर्माण के लिए जगह देखी गयी थी। मगर बढ़ रही आबादी को देखते हुए मंत्रालय से आयी टीम ने इससे आगे खनकित्ता का भी बुधवार को निरीक्षण किया। संभावना है कि नये पुल का निर्माण वर्तमान विक्रमशिला पुल से करीब तीन किमी की दूरी पर हो सकता है। डीपीआर में 120 मीटर मोटा के पाये के निर्माण की भी बात की गयी है।

विशेषज्ञों की माने तो अगर ऐसा हुआ तो फिर नये सिरे से डीपीआर और एलाइनमेंट पर काम किया जायेगा। टीम के सदस्यों ने कहा कि विक्रमशिला से सटे चार लेन का समानांतर पुल बनने से इस इलाके की परेशानी और भी बढ़ जायेगी। क्योंकि गाड़ियों का दबाव जीरोमाइल पर ही आखिरकार रहेगा। इसलिए नये पुल के निर्माण का काम थोड़ी दूरी पर होनी चाहिए। अगले सप्ताह पटना में इंजीनियर की होने वाली बैठक में पुल निर्माण के लिए नयी जगह पर बात बनेगी। इसके बाद मंत्रालय स्तर से सहमति ली जायेगी।

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कार्यपालक अभियंता राजकुमार ने बताया कि यह संभावना खोजी जा रही है। पुल के निर्माण के साथ-साथ फोर लेन का पहुंच पथ भी बनाया जायेगा। ऐसे में वर्तमान पुल के साथ अगर नये पुल का निर्माण होता है तो फिर परेशानी और बढ़ेगी। वहीं ग्रीन क्षेत्र होने की वजह से अधिग्रहण की परेशानी भी नहीं होगी।

ये होंगे फायदे :

खनकित्ता में समानांतर पुल बनने से शहर में ट्रैफिक दबाव कम होगा। इसके पहुंच पथ को बायपास से जोड़ा जायेगा। सबौर की तरफ शहर का विस्तार होगा। झारखंड की ओर से आने वाले वाहन शहर में प्रवेश न कर सीधे समानांतर पुल होकर नवगछिया (एनएच 31) निकल जायेंगे।