मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती जिप अध्यक्ष टुनटुन साह की रविवार  को हुई बीपी, सुगर, एक्सरे, ईसीजी व ईको जांच में बीपी और सुगर का लेवल  बढ़ा हुआ मिला। ब्लड प्रेशर 190 बाय  100 और सुगर रैंडम 220 पाया गया।  ईसीजी, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और ईको  नॉर्मल मिला। बीपी और सुगर हाई होने  के बाद भी उन्हें शाम 6 बजे अस्पताल  से डिस्चार्ज कर दिया गया। उनकी पत्नी मेयर सीमा साहा ने अस्पताल प्रबंधन  से इस पर सवाल भी किया। हालांकि अधीक्षक डॉ. आरसी मंडल ने डॉक्टरों  की जांच और रिपोर्ट को आधार बताया।  सुबह डॉ. शांतनु घोष ने व शाम में  डॉ. राजीव सिन्हा व डॉ. पीबी मिश्रा ने  जिप अध्यक्ष के सेहत की जांच की।  उनकी ही रिपोर्ट पर जिप अध्यक्ष को  अस्पताल से छुट्टी दी गई। इससे पहले  जिप अध्यक्ष ने सामान्य व्यवस्था के  तहत अस्पताल में बंटने वाला खाना ही  लिया। हालांकि उन्होंने घर से मंगाया हुआ  खाना ही खाया। दिनभर समर्थक उनसे  मिलने आते रहे। समर्थकों की संख्या बढ़ती देख पुलिस ने टुनटुन साह की  सुरक्षा बढ़ा दी। तैनात जवानों को निर्देश  दिए गए कि उनसे मिलने किसी को भी  इजाजत न दी जाए।  देर शाम एसएसपी ने अस्पताल  प्रबंधन को पत्र भेजा। इसमें कहा कि अगर टुनटुन साह स्वस्थ्य हो गए हैं तो  उन्हें छुट्टी दे दी जाए। दरअसल, डॉक्टरों  ने टुनटुन साह काे सीने में तकलीफ कीकायत पर ईको जांच के लिए कहा था। रविवार को ईको जांच न होने पर  सोमवार को टेस्ट की बात कही गई थी।  लेकिन एसएसपी आशीष भारती के पत्र  के बाद प्रबंधन ने तुरंत डॉ. पीबी मिश्रा को बुलाया। जिप अध्यक्ष की ईको जांच  हुई। इस रिपोर्ट के नॉर्मल आने के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया।

जिद पर अड़े तो पुलिस ने लगाई हथकड़ी

जब टुनटुन साह को पुलिस अस्पताल से ले जाने आई तो वे बार-बार पुलिस से कह रहे थे कि अभी मेरी तबीयत ठीक नहीं है। इलाज के बाद ही जाएंगे। पत्नी मेयर सीमा साहा भी विरोध कर रही थीं। इलाज होने तक अस्पताल में रहने की बात कह रही थीं। टुनटुन जिद पर अड़े तो पुलिस ने उन्हें  हथकड़ी लगा दी। धकियाते हुए पुलिस बाहर ले गई। समर्थकों ने बताया कि जिप अध्यक्ष को डिस्चार्ज के बाद पुलिस नीचे उतार रही थी, उसमें जवान  जल्दी में थे और तेजी में उन्हें को जीप तक ले जा रही थी। पुलिस ने जिप अध्यक्ष को दौड़ाते हुए ही इमरजेंसी के बाहर खड़ी पुलिस जीप में बैठाया।

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मेयर ने किया विरोध तो पुलिस ने छीन लिया मोबाइल

जिप अध्यक्ष को जब पुलिस ले जाने लगी तो पत्नी मेयर सीमा साहा ने विरोध किया। इस दौरान पुलिस ने मेयर के हाथ से उनका  मोबाइल फोन छीन लिया। हालांकि बाद में उन्हें फोन लौटाया।

जेल पहुंचते ही टुनटुन साह ने किया हंगामा

वार्ड में रहने से इनकार, कहा-बीमार हूं, जांच के बाद कारा अस्पताल में हुए भर्ती

सेंट्रल जेल पहुंचते ही गिरफ्तार जिप अध्यक्ष टुनटुन साह  ने भीतर में हंगामा खड़ा कर दिया।  वार्ड में जाने से इनकार कर दिया।  कहने लगे मैं बीमार हूं, सीने में दर्द है, ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है। जमीन  पर नहीं सो सकता हूं। जेल अधीक्षक  ने जब मायागंज अस्पताल के रिपोर्ट  का उल्लेख किया तो टुनटुन ने कहा  कि वहां की रिपोर्ट झूठी है। पुलिस  ने बनवाया है। हंगामे को देख जेल  अधीक्षक ने जेल के डॉक्टर से  पुन: जांच कराई। फिर उन्हें जेल  अस्पताल में भर्ती करवाया। उधर,  हंगामे की सूचना पर सिटी डीएसपी  राजवंश सिंह पहुंचे। एमएलसी और  कारा सुधार समिति के अध्यक्ष डॉ.  एनके यादव भी मिलने पहुंचे।

सदर अस्पताल की पर्ची पर जिप अध्यक्ष हुए थे रेफर 

जिप अध्यक्ष साह सदर अस्पताल की पर्ची पर शनिवार को मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती हुए थे। इस पर्ची पर सीने  में दर्द की शिकायत लिखी थी। इसी आधार पर अस्पताल में  भर्ती कर इलाज शुरू हुआ। डॉक्टरों के अनुसार, किसी सरकारी  अस्पताल से रेफर होने पर किसी भी कैदी या गिरफ्तार लोगों  को मेडिकल अस्पताल में भर्ती किया जाता है। डॉक्टरों ने  बताया, उन्होंने सीने व पेट दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद  अल्ट्रासाउंड, ईसीजी, ब्लड सुगर, बीपी, कमर दर्द के लिए एक्सरे  समेत अन्य तरह के पैथोलॉजिकल टेस्ट कराए गए। किसी भी  पुलिस केस में कैदी की पूरी जांच और इलाज होने के बाद ही  डिस्चार्ज नहीं किया जा सकता। उनकी ईको जांच बाकी थी,  इसलिए उन्हें डिस्चार्ज नहीं किया गया था। बीपी की दवा दी गई,  सुगर के लिए कुछ एहतियात बरतने की सलाह दी गई।

गिरफ्तारी के विरोध में जिप सदस्य करेंगे आंदोलन 

भागलपुर | जिप अध्यक्ष की गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को जिला परिषद कार्यालय परिसर में सदस्यों ने बैठक की। इसमें  गिरफ्तारी को लेकर शाहकुंड के थानेदार व पुलिस के तरीके को  अमर्यादित बताया और घटना की निंदा की। कहा कि जिला परिषद  जिले की त्रिस्तरीय पंचायत का सर्वोच्च सदन होता है और कार्यालय अवधि में पुलिस जबरन कार्यालय में घुस गई और जिप अध्यक्ष के  साथ अमर्यादित व्यवहार किया, यह बर्दाश्त से बाहर है। सोमवार को  विरोध में सभी जिप सदस्य मुख्यमंत्री, कमिश्नर, आईजी, डीआईजी,  डीएम, एसएसपी से मिलकर मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपेंगे।  चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया। बैठक में जिला परिषद  सदस्य गौरव राय, पप्पूयादव, माला देवी, नंदनी सरकार, शबाना  आजमी, कुमकुम देवी, अंबिका मंडल, परवेज आलम, प्रेमलता देवी,  आफताब आलम, संजीत सुमन, मुकेश राय, बलराम मांझी मौजूद थे।

यह मानवाधिकार का उल्लंघन है

जनप्रतिनिधि ही नहीं, किसी भी आरोपी के साथ पुलिस ऐसा व्यवहार नहीं कर सकती। उनकी मान-मर्यादा और प्रतिष्ठा का  ध्यान रखना होगा। बीमार होने पर उनकी शारीरिक स्थिति भी देखनी  होगी। दौड़ाकर ले जाना और मेयर का मोबाइल छीनना गलत है।  इसकी शिकायत सीनियर अफसरों और कोर्ट को की जा सकती है।  यह संज्ञान में लेने योग्य मामला है। ओमप्रकाश तिवारी, एडवोकेट