17 फरवरी से शुरू हो रही मैट्रिक परीक्षा के दौरान पेपर शुरू होने के बाद परीक्षार्थी को परीक्षा कक्ष छोड़ने की अनुमति नहीं मिलेगी। बिहार बाेर्ड ने केंद्राधीक्षकों को स्पष्ट कहा है कि परीक्षार्थी तबतक कक्ष नहीं छोड़ेंगे जबतक उस प्रश्नपत्र की परीक्षा समाप्त नहीं हो जाती है। परीक्षार्थी को सिर्फ परीक्षा केंद्र के अंदर शौचालय जाने की अनुमति होगी। अगर कोई परीक्षार्थी सभी प्रश्नों के जवाब लिख भी देता है तब भी उसे परीक्षा कक्ष में ही पूरे 3 घंटे बैठना होगा। परीक्षा शुरू होने से पहले केंद्राधीक्षक यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी छात्र नकल करनेवाले उपकरणों के साथ अंदर प्रवेश नहीं करे। कदाचारमुक्त परीक्षा संचालन की अपील भी केंद्र पर अलग-अलग जगहों पर चस्पा रहेगी।

केंद्र के बाहर पुलिस, अंदर केंद्राधीक्षक का जिम्मा

परीक्षा केंद्र के बाहर की व्यवस्था के लिए दंडाधिकारी एवं पुलिस बल तथा केंद्र के अंदर की व्यवस्था के लिए केंद्राधीक्षक जिम्मेदार होंगे। नकल करनेवाले परीक्षार्थियों तथा सहयोग करनेवाले अभिभावकों के साथ परीक्षा से जुड़े सभी कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। सामूहिक कदाचार मिलने पर केंद्र की परीक्षा रद्द कर दी जाएगी।

प्रश्नपत्र डीएम के नियंत्रण में रहेंगे : बोर्ड ने केंद्राधीक्षकों को कहा है कि परीक्षा शुरू होने से पहले विषयवार परीक्षार्थियों के अनुसार भेजे गए प्रश्नपत्र मिला लें। अगर प्रश्न पत्र कम है तो वे डीईओ, डीएम से संपर्क करेंगे तथा बिहार बोर्ड के सचिव को भी इसकी सूचना देंगे। डीएम के नियंत्रण में प्रश्न पत्र सुरक्षित रखने की व्यवस्था की गई है।

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पहली पाली में कॉपी का रंग पिंक और दूसरी में मैजेंटा होगा

मैट्रिक परीक्षा में पहली पाली के लिए ओएमआर शीट और उत्तरपुस्तिका का रंग पिंक रहेगा जबकि दूसरी पाली के लिए मैजेंटा होगा। बिहार बोर्ड ने कहा है कि इस बार भी सभी विषयों में 50% वस्तुनिष्ठ एवं 50% विषयनिष्ठ (सब्जेक्टिव) प्रश्न पूछे जाएंगे। हर विषय में परीक्षार्थी को एक प्रश्नपत्र दिया जाएगा जिसमें वस्तुनिष्ठ एवं विषयनिष्ठ प्रश्नों के अलग-अलग खंड होंगे। वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की परीक्षा ओएमआर शीट तथा विषयनिष्ठ की सादी उत्तरपुस्तिका पर ली जाएगी। हालांकि विद्यार्थी को कॉपी व ओएमआर शीट एक साथ दी जाएगी। अतिरिक्त कॉपियां या ओएमआर नहीं दी जाएंगी। गणित एवं उच्च गणित के लिए ग्राफ सहित 24 पृष्ठों की काॅपी दी जाएगी जबकि शेष विषयों के लिए 20 पन्नों की कॉपियां होंगी।

वरीय शिक्षक ही बनाए जाएंगे उप केंद्राधीक्षक

केंद्राधीक्षक अपने केंद्र के वरीय शिक्षक को ही उप केंद्राधीक्षक के रूप में अपने विद्यालय में नियुक्त करेंगे। पांच सौ तक परीक्षार्थी वाले केंद्र पर एक सहायक केंद्राधीक्षक, एक हजार परीक्षार्थी वाले केंद्र पर दो सहायक केंद्राधीक्षक तथा एक हजार से अधिक परीक्षार्थी पर तीन सहायक केंद्राधीक्षक रहेंगे।