आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पक्ष-विपक्ष के दोनों गठबंधनों में सीटों की खींचतान के बीच विपक्षी महागठबंधन के घटक दल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने ट्वेंटी-ट्वेंटी क्रिकेट खेला है। मांझी ने बिहार की कुल लोकसभा सीटों में आधे (20) पर दावा कर जो बाउंसर फेंका है, उससे सियासत गरमा गई है। महागठबंधन नेताओं ने ऑल इज वेल का दावा तो किया है, लेकिन सब कुछ ठीक नहीं दिख रहा। इसपर बिहार की सियासत गरमा गई है।
यह है मामला
रविवार को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई। बैठक में परिषद के सदस्यों ने पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी से बिहार में लोकसभा की 20 सीटों पर दावेदारी पेश करने की मांग की। बाद में मांझी ने पत्रकारों से कहा कि बैठक में सदस्यों ने अपनी राय रखी।
कांग्रेस बोली: उम्मीदवार हैं तो देंगे सीटें
मांझी के इस दावे पर सियासत गरमा गई है। महागठबंधन नेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं हैं। कांग्रेस नेता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि मांझी कई बार कार्यकर्ताओं को उत्साहित करने के लिए ऐसे बयान देते हैं। अगर उनके पास इतने उम्मीदवार हैं तो हम इतनी सीटें देंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में कोई मतभेद नहीं है। मांझी महागठबंधन के प्रमुख नेता हैं। ये प्रारंभिक स्तर की चीजें हैं। इसपर महागठबंधन के शीर्ष नेता फैसला करेंगे।
राजद बोला: महागठबंधन में किचकिच नहीं
राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि मांझी के महागठबंधन में आने से राजग को दर्द हो रहा है। इसमें कोई परेशानी नहीं है। हमारे यहां कोई किचकिच नहीं है
जदयू व भाजपा ने कसे तंज
मांझी के बयान पर जदयू व भाजपा ने तंज कसे हैं। जदयू के संजय सिंह ने कहा कि मांझी जब नीतीश कुमार के नहीं हुए तो लालू प्रसाद यादव के क्यों होंगे। राजनीति में मांझी पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
भाजपा के नितिन नवीन ने कहा कि मांझी ही लालू के अंतिम नाव को डुबोएंगे।