रास्ते बदल कर बड़ी संख्या में लोग दूसरे जिलों और प्रदेशों से आ रहे हैं। भागलपुर समेत कोसी, सीमांचल व पूर्वी बिहार के अलवा ये लोग झारखंड भी जा रहे हैं। इन लोगों का ब्योरा प्रशासन के पास नहीं है।

सभी रास्तों की प्रभावकारी निगहबानी प्रशासन की ओर से नहीं हो पा रही है। हालांकि डीएम प्रणव कुमार और एसएसपी आशीष भारती ने कहा है कि जिले की सीमाओं पर सुरखा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है।

बुधवार को दो बजे जीरोमाइल के पास आक्सीजन सिलेंडर लेकर जा रहे ट्रक पर 20 से अधिक लोग सवार थे। उन्होंने बताया कि सासाराम की ओर से पैदल चले थे। मोकामा के पास ट्रक पर सवार हुए। कहलगांव में उतरकर साहिबगंज पैदल जाएंगे। इनलोगों की कहीं जांच नहीं हुई थी। यहां मधुबनी से घोघा जा रहा एक दूसरा समूह भी मिला। उनमें से धनेसर मंडल, शंभू मंडल, विजय मंडल व रामप्रकाश ने बताया कि लगातार चार दिनों से पैदल चल रहे हैं। समय बचाने के लिए मुख्य सड़क को छोड़कर कई छोटे रास्तों पर चले।

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बांका जा रहे जोगन पासवान और मंगल मुसहर ने बताया कि जांच से बचने के लिए भागलपुर जिले की नारायणपुर सीमा से घुसने में परहेज किया। महादेव स्थान से मुड़ गए और खरीक, बिहपुर होकर सीधे विक्रमशिला पुल पर पहुंच गए। खगड़िया में भी कई लोग गुवाहाटी से आने के दौरान चेकिंग प्वाइंट पर मुख्य रास्तों के बजाय खेतों से आए। यही हाल कोसी व सीमांचल के जिलों का भी है। बड़ा सवाल है कि प्रशासन ऐसे लोगों से कैसे संक्रमण के खतरा को रोकेगा।

जगदीशपुर सीमा सील मगर कोई रोकटोक नहीं

जगदीशपुर के पास सन्हौला मोड़ पर भागलपुर-बांका सीमा कहने को सील की गई है मगर ग्रामीणों का कहना है कि धड़ल्ले से गाड़ियां और आमलोग इस रास्ते से आ-जा रहे हैं। प्रत्यक्षर्शियों के अनुसार बुधवार को चार बजे शाम लोगों को भरकर कई गाड़ियां इस रास्ते से गुजरीं। ग्रामीणों की मानें तो पिछले पांच दिनों में इस सीमा से होकर सैकड़ों लोग बाहर से अपने गांव लौटे हैं, जबकि सीमा पर दंडाधिकारी और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

जांच से बचने के लिए 30 किमी घूमकर गए

मंगलवार की शाम को भागलपुर के परबत्ती मोहल्ले में 14-15 लोग पैदल तेजी से निकल रहे थे। पूछने पर बताया कि मुंगेर से कटिहार जा रहे हैं। विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों में काम करने वाले ये मजदूर बताने लगे कि घोरघट सीमा पर जांच से बचने के लिए 30 किमी घूमकर भागलपुर पहुंचे हैं। देवघर एम्स में निर्माण कार्य करने वाले मजदूर पैदल पीरपैंती लौटे थे। एक दर्जन की संख्या में इन मजदूरों की भी कहीं जांच नहीं हुई थी।

एक सप्ताह में हजारों लोग गए पैदल

पछले एक सप्ताह में हजारों की संख्या में लोग यूपी, कोलकाता, दिल्ली और दूसरे राज्यों से भागलपुर, बांका, कटिहार, सहरसा, पूर्णिया और दूसरे जिलों में पैदल गए हैं। इनका कोई लेखाजोखा प्रशासन के पास नहीं है। रातभर 40-50 के समूहों में लगातार बाहर से लोगों का आना जारी है। अब पैदल वालों की संख्या कुछ कम हुई है।