पुलवामा हमले में शहीद रतन ठाकुर के घर शुक्रवार रात बेटे ने जन्म लिया। शहादत के बाद हीलिंग टच अस्पताल ने अपने वादे के मुताबिक शहीद की प|ी राजनंदिनी को नि:शुल्क डॉक्टरी मदद दी। बेटे के जन्म के बाद वीरांगना राजनंदिनी ने कहा, बेटे का नाम रक्षित रखूंगी। यह नाम उन्हें बहुत पसंद था। इस नाम के साथ ही शहीद पिता का आशीर्वाद बेटे के साथ रहेगा। हालांकि नौ माह से पहले डिलिवरी के कारण नवजात को फिलहाल डॉ. अजय सिंह के अस्पताल में इन्क्यूबेटर में रखा गया है। जन्म के साथ ही सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर शुभकामनाओं का दौर भी शुरू हो गया।

कहलगांव मदारगंज के सीआरपीएफ जवान रतन ठाकुर की शहादत के 52 दिनों बाद उनकी प|ी राजनंदिनी ने शुक्रवार रात 12बजे तिलकामांझी स्थित हीलिंग टच अस्पताल पहुंची। रात 2.45 बजे उसने बेटे को जन्म दिया। प्रीमैच्योर बेबी होने के कारण उसे इन्क्यूबेटर में रखा गया है। शहादत के बाद अस्पताल और शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. अजय सिंह ने शहीद के परिवार से नि:शुल्क डॉक्टरी सहायता उपलब्ध करवाने का अपना वादा निभाया। दोनों ने ही नि:शुल्क इलाज शुरू किया। डॉ. सिंह ने बताया, नवजात एनआईसीयू में भर्ती है। उसे सांस की समस्या है। उसका इलाज चल रहा है।

उच्च शिक्षा हासिल कर पति का सपना पूरा करूंगी

राजनंदिनी ने बताया, पति के सपने को पूरा करूंगी। इसके लिए उच्च शिक्षा हासिल करूंगी। उन्होंने बताया, पति शिक्षा बहुत अहमियत देते थे। इसलिए अब मैं पीजी करूंगी। फिलहाल राजनंदिनी सीएम कॉलेज बौंसी से सोशियोलॉजी ऑनर्स पार्ट थ्री की छात्रा हैं। उन्होंने बताया, मेरे जीवन का मकसद दोनों बेटों को शिक्षित करना है।

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राम-कृष्ण बन पाक से बदला लेंगे पोते

शहीद के पिता रामनिरंजन ठाकुर ने कहा, पोते वे सेना में भेजेंगे। बड़ा पोता कृष्णा इस सत्र से स्कूल जाने लगा है। छोटा पोता राम हैं। दोनों राम-कृष्ण मिलकर पाकिस्तान को सबक सिखाएंगे।