डीएम के आदेश पर घंटाघर स्थित आयुष मेडिकल हॉल में शनिवार को ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम ने करीब 6 घंटे तक छापेमारी की। यहां 20 तरह की दवाओं की जांच की गई। जांच में पांच तरह की नशे की दवा मिली। पांच संदिग्ध दवाओं के अलावा बैन की गई एक एंटीबॉयोटिक दवा भी मिलीं। यहां दवाओं की बिक्री पर रोक लगा दी है, साथ ही दवाओं के बिल 20 दिन के अंदर जमा करने को कहा है।

यदि बिल नहीं दिखाया गया तो दुकान का लाइसेंस रद्द हो जाएगा। दवा दुकानदार के खिलाफ आम लोगों ने लिखित शिकायत की थी कि दवा लेने के बदले बिल नहीं दिया जाता है, साथ ही नशे के रुप में इस्तेमाल करने वाली दवाओं की भी बिक्री की जाती है। शनिवार को करीब 11.30 में ड्रग इंस्पेक्टरों की टीम दवा दुकान पहुंची, उस वक्त वहां कुछ दवाओं की बिक्री हो रही थी। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि नशे के रूप में या मानसिक रोगियों को नींद के लिए थ्रीजियम टैबलेट, नाइट्रोजापाम, डाइजीपाम, एलोरा, वेलियम 10 एमजी की दवा मिली।

लेकिन यह दवा किस डॉक्टर के पर्चे पर दी गई थी, इसका ब्योरा दुकानदार नहीं दे पाया। इसी तरह डायबिटीज, एंटी एलर्जी, कफ सीरप का भी बिल नहीं मिला। डेक्सोफास्ट प्लस सीरप खांसी में यूज होता है, एसीलो पी दर्द व बुखार में, जेंटेक वन 50 गैस की दवा, ओमनाकोटी पांच एमजी की दवा का भी नमूना जांच के लिए लिया है। टैक्सीम एजेड एंटीबॉयोटिक, पैनट्रम क्रीम दवा पर बैन है पर यह भी दुकान में मिली। दुकान के रैक पर नोडोसिस टैबलेट एक्सपायरी 200 टैबलेट मिला, जिसे बिक्री के लिए रखा गया था।

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20 दवाओं की खरीद-बिक्री पर 20 दिन के लिए लगाई रोक, बिल नहीं देने पर रद्द होगा लाइसेंस

दवा की खरीद कहां से की गई इसकी होगी जांच

टीम ने तय किया है कि दुकानदार ने इन दवाओं की खरीद कहां से की और बिक्री कहां हुई। इसका पता लगाएगी, अगर इसमें दिक्कत हुई तो दुकानदार का लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। छापेमारी टीम में ड्रग इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिन्हा, दयानंद प्रसाद, सत्येंद्र कुमार, अनिल कुमार, किरण कुमारी व अन्य शामिल थे।

इन दवाओं पर ड्रग इंस्पेक्टरों को आपत्ति

ब्यूसेफ एजेड टैबलेट – 7 पत्ता

पेंड्रम क्रीम- 3 पैकेट

क्लोनेजीपॉम, टेक्सिम एजेड एंटीबॉयोटिक, बीकोसूल टैबलेट, जेंटेक वन 50 गैस की दवा, एसीलो पी, जेंटेक वन