भागलपुर नगर निगम : आखिरकार मेयर सीमा साहा ओर डिप्टी मेयर राजेश वर्मा की कुर्सी बच गई। अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर चर्चा के दौरान 22  पार्षद ही शामिल हुए। वोटिंग के लिए 26 पार्षद की आवश्यकता थी। मेयर और डिप्‍टी मेयर के समर्थक पार्षदों ने चर्चा ने भाग नहीं लिया। भागलपुर नगर में 51 वार्ड हैं, जिसमें वर्तमान 50 वार्डों में पार्षद हैं। चर्चा में पहुंचे पार्षदों ने सर्वसम्‍मति ने सरयुग साह को प्रोटेम सभापति चुना। जिला अधिकारी प्रणव कुमार ने प्रेक्षक के रूप को जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अरूण कुमार सिंह को प्रतिनियुक्‍त किया था। अविश्‍वास प्रस्‍ताव के दौरान चर्चा के दौरान पार्षदों के उठाए गए सवालों पर गहनता से विचार विमर्श किया गया। उनके सात मागों पर मेयर और डिप्‍टी मेयर पर विचार करने का भरोसा दिया है। भागलपुर के विकास पर भी चर्चा हुई। स्‍मार्ट सिटी योजना में हो रही लापरवाही पर भी चर्चा की गई। मेयर सीमा साहा और उप महापौर राजेश वर्मा ने सभी पार्षदों को भरोसा दिया कि सभी को विश्‍वास में लेकर कार्य किया जाएगा। अविश्‍वास प्रस्‍ताव गिर जाने पर मेयर और डिप्‍टी मेयर ने शहर में जुलूस निकाला। उन्‍होंने सभी पार्षदों को बधाई दी।

यहां बता दें कि नगर निगम सभागार में बुधवार को दो बजे से अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा शुरू हुई थी। मेयर  सीमा साहा और डिप्टी मेयर राजेश वर्मा 1.53 बजे वहां पहुंचे।

नगर निगम कर्मियों को किया गया था प्रतिनियुक्त

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अविश्वास प्रस्ताव को लेकर नगर निगम कर्मियों की भी जिम्मेदारी तय की गई थी। सभाकक्ष में उपनगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा, प्रफुल्ल चंद्र यादव, वरीय सहायक मो. रेहान अहमद, सौरभ सुमन व इजाजुल हक मौजूद थे। निगम के उत्तरी प्रवेश द्वार पर अजय शर्मा, पश्चिमी द्वार पर जयप्रकाश यादव, प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय चौक पर विकास हरि, घूरन पीर बाबा चौक पर पप्पु हरि, निगम के मुख्य द्वार पर संतोष दास व सभागार के पिछले गेट पर पंकज कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया था। इसके लिए जिला पंचायत राज कार्यालय से दो मतपेटी मंगवाया गया था। निगम सभागार में मेयर पद के लिए एक और डिप्टी मेयर पद के लिए एक मतपेटी रखा गया था।

सुरक्षा के पुख्‍ता इंतजाम

निगम परिसर में दंडाधिकारी के साथ 20 पुलिस बल को तैनात किया था। वहीं जिला प्रशासन द्वारा प्रतिनियुक्त प्रेक्षक की निगरानी में कार्रवाई हुई। सदर एसडीओ आशीष नारायण ने नगर निगम कार्यालय के 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लागू कर दिया था। यहां अनावश्यक भीड़ लगाने व हंगामा करने पर रोक लगाई गई थी। उत्तेजनात्मक शब्दों आपत्तिजनक चर्चा करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई करने की सूचना दे दी गई है।

इन पार्षदों ने लाया अविश्वास प्रस्ताव

सोफिया हुमैरा, पंकज दास, अनवरी खातुन, सीता देवी, कंचन देवी, अभिषेक सोनू, एबुन निशा, अशोक पटेल, संजय सिन्हा, निशा दुबे, फिरोजा यासमीन, गोविंद बनर्जी, प्रीति देवी, उमर चांद, शिवानी देवी, खुशबू, शीला देवी, हंसल सिंह, साबरा, बीबी बलिमा, बबिता देवी, अंजुम शाहीन, नजमा, सरयुग प्रसाद साह, गजाला परवीन, नन्ही बेगम, कल्पना देवी व रूबी मोदी। विरोधी खेमा से बबिता देवी मेयर और उमर चांद, डिप्टी मेयर पद के दावेदार थे।

बैठक का बहिष्कार किया

पार्षद सह पूर्व उपमेयर डॉ. प्रीति शेखर ने कहा कि नगर निगम में चल रहे विश्वास और अविश्वास के खेल से मैंने खुद को अलग रखा है। उन्‍होंने पहले भी ऐसी प्रक्रिया का बहिष्कार किया था। उन्‍होंने राज्य सरकार से मांग की कि भविष्य में निकाय व पंचायती राज का अप्रत्यक्ष चुनाव को प्रत्यक्ष बनाया जाए। जिससे पूरा कार्यकाल पक्ष-विपक्ष की जगह निष्पक्ष शासन संचालित हो।

दोनों खेमा जीत को लेकर थे आश्वस्त

इसके पूर्व मंगलवार की दिन भर दोनों खेमे के बीच पार्षदों के तोडज़ोड़ की राजनीति जारी रही। रात होते ही राजनीति सरगर्मी बढ़ गई है। अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले कुछ चेहरे पर मुस्कान कुछ अलग ही रणनीति की ओर इशारा कर रही है। मेयर और डिप्टी मेयर के घरों पर कई पार्षद की गोलबंदी भी हुई। वहीं प्रतिद्वंदी उमर चांद और बबिता ने भी पार्षदों के घर पर जाकर अपने पक्ष में समर्थन मांगा। हालांकि पार्षदों को भी पता नहीं है कि किस खेमे को कितनी सफलता मिलेगी। लेकिन, कुछ आठ पार्षद दोनों खेमे में शामिल रहे हैं। हालांकि दोनों खेमा अपनी जीत को लेकर आश्वास्त हैं।

इनपुट : जागरण