पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड का मामला सामने आने के बाद सरकार भी सतर्क हो गई है. बिहार सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग बड़े पैमाने पर पत्रकारों की मान्यता रद्द करने की तैयारी में है. फिलहाल राज्य में लगभग 600 मान्यता प्राप्त पत्रकार हैं. खबर है कि इनमे से 200 से अधिक पत्रकारों की मान्यता खत्म हो सकती है.

ब्रजेश ठाकुर के मामले से सबक लेकर सरकार बड़ा बदलाव करने जा रही है. बड़े पैमाने पर पत्रकारों की मान्यता रद्द करने की तैयारी हो रही है.

खबर है कि जुगाड़ कर मान्यता लेने वाले 200 से ज्यादा पत्रकारों की मान्यता रद्द होगी. पोर्टल और विभिन्न ऐसी पत्र-पत्रिकाओं के नाम पर ली गई है मान्यता, जो वास्तव में छपते ही नहीं हैं. इतना ही नहीं सरकार नए पत्रकारों को मान्यता देने के लिए नियमों में बदलाव कर रही है. मान्यता देने के लिए कई तरह के नए प्रावधान जोड़े जाएंगे.

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अब पत्रकारों से मान्यता फॉर्म के साथ एफिडेविट भी लिया जाएगा. पत्रकारों के बारे में जानकारी के लिए सूचना विभाग टॉल फ्री नंबर भी जारी करेगा. बदलाव के लिए विभाग हर स्तर सुझाव ले रहा है. जिन पत्रकारों की मान्यता रद्द होगी, उनकी लिस्ट बन रही है.

बालिका गृह कांड का मास्टरमाइंड था मान्यता प्राप्त पत्रकार

ज्ञात हो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले का मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू में प्रकाशित होने वाले तीन अखबारों का मालिक भी है. उस पर इन अखबारों की कुछ प्रतियां छपवाकर उस पर बड़े-बड़े सरकारी विज्ञापन पाने में कामयाब होने के आरोप लगे हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ब्रजेश तीन अखबारों मुजफ्फरपुर से प्रकाशित एक हिंदी दैनिक समाचार पत्र प्रात: कमल, पटना से प्रकाशित एक अंग्रेजी अखबार न्यूज नेक्स्ट और समस्तीपुर जिला से उर्दू में प्रकाशित एक अखबार हालात ए बिहार से प्रत्यक्ष या परोक्ष से जुड़ा हुआ है.
ब्रजेश को प्रात: कमल के विशेष संवाददाता के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया था, उसके बेटे राहुल आनंद न्यूज नेक्स्ट के संवाददाता और हलात-ए-बिहार के संवाददाता के रूप में एक शाईस्ता परवीन और संपादक के रूप में रामशंकर सिंह का नाम दर्शाया गया था. ब्रजेश ठाकुर की मान्यता रद्द कर दी गई है