पटना : बिहार में नियोजित प्रारंभिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों को भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ मिलेगा। शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर विधि विभाग ने अपनी सहमति दे दी है और इसी के साथ साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ की सुविधा मिलने का रास्ता साफ हो गया है। शिक्षा विभाग ने भविष्य निधि का लाभ नियोजित शिक्षकों को देने की आवश्यक तैयारी शुरू कर दी है। वित्तीय बोझ कितना बढ़ेगा, इसे लेकर शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से आवश्यक विमर्श भी किया है।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के सभी प्रकार के नियोजित शिक्षक ईपीएफ की सुविधा से अबतक वंचित हैं। इसको लेकर अरवल, औरंगाबाद और भोजपुर जिले के शिक्षकों की ओर से पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर किया गया था। याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद पटना हाईकोर्ट ने तीन माह (सितम्बर में) पहले सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ और एमपी एक्ट-1952 का लाभ देने का आदेश राज्य सरकार को दिया था।
हाईकोर्ट ने नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ लाभ सुनिश्चित करने का जिम्मा भविष्य निधि कार्यालय के रीजनल पीएफ कमिश्नर को सौंपा था और 60 दिनों के अंदर कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा था। तब पीएफ कमिश्नर ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन को पत्र लिखकर हाईकोर्ट के आदेश पर अमल करने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने को कहा था। इसी के आलोक में शिक्षा विभाग ने नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ की सुविधा देने संबंधी प्रस्ताव भेजकर विधि विभाग से परामर्श मांगा था जिस पर मंजूरी मिली है।
ईपीएफ से जोड़ने के लिए हर जिले में नोडल अफसर : नियोजित शिक्षकों की बड़ी तादाद को देखते हुए शिक्षा विभाग ने हर जिले में अलग से एक नोडल अफसर तैनात करने का फैसला किया है। जबकि सभी 38 जिलों के नोडल अफसरों के साथ समन्वय हेतु मुख्यालय स्तर पर एक कोऑर्डिनेटर बनाया जाएगा। साथ ही उनके नंबर भविष्य निधि कार्यालय को उपलब्ध कराया जाएगा ताकि उनसे संपर्क किया जा सके