पटना. राज्य भर में शहरी क्षेत्र से अधिक ग्रामीण क्षेत्रों में हर साल सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं. परिवहन विभाग के मुताबिक सबसे अधिक एनएच पर मौतें हो रही हैं.

आंकड़ों को देखें, तो राज्य में एनएच की लंबाई पांच हजार किमी से अधिक बढ़ी है. वहीं, एसएच और ग्रामीण सड़कें बेहतर हुई हैं और दुर्घटनाएं भी बढ़ी रही हैं.

ऐसे में परिवहन विभाग ने पथ निर्माण विभाग के साथ सभी सड़कों की गति सीमा तय करने का निर्णय लिया है. इसके बाद जो भी व्यक्ति गति सीमा से अधिक तेजगाड़ी चलायेगा, तो उससे जुर्माना वसूला जायेगा.

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400 से अधिक ब्लैक स्पॉट चिह्नित

परिवहन विभाग ने ऐसे चार सौ से अधिक ब्लैक स्पॉट को चिह्नित कर लिया है, जहां पर दुर्घटनाएं सबसे अधिक होती हैं.

इन सभी जगहों की जांच विभाग ने शुरू की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि दुर्घटनाओं के सही कारण क्या हैं. जांच रिपोर्ट के बाद उन्हें दूर किया जायेगा. इस काम को भी फरवरी तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है.

हत्याओं से ढाई गुनी अधिक सड़क दुर्घटनाएं

सीआइडी के आंकड़ों को देखें तो राज्य में साल भर में हत्याएं दो हजार के लगभग होती हैं, लेकिन सड़क दुर्घटनाएं लगभग पांच हजार से अधिक हैं. ऐसे में एक साल में सबसे अधिक एनएच-57 पर सबसे अधिक 600 और एनएच-31 पर 500 मौतें होती हैं.

इन जिलों में कम हुईं सड़क दुर्घटनाएं : मुंगेर, पटना, सीवान, शिवहर, शेखपुरा, भोजपुर, सारण, खगड़िया, लखीसराय व जमुई.

ये भी लिये गये हैं निर्णय

  • स्पेशल पैट्रोलिंग होगी, जिसके लिए ग्रामीण सड़कों पर भी ट्रैफिक पुलिस की तैनाती होगी.
  • पैट्रोलिंग के लिए इंटरसैप्टर व्हीकल की खरीद हाेगी. ये ब्रेथ एनालाइजर, स्पीडगन व एनपीआर कैमरे से लैस होंगे. इससे शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की पहचान, तेज गति की गाड़ी व कोई यातायात नियमों को तोड़कर भागेगा तो उस गाड़ी के नंबर प्लेट को कैच कर लेगा.
  • रोड एक्सीडेंट के बाद जांच के लिए बनी कमेटी रिपोर्ट तुरंत दें, इसके लिए भी विभाग ने तैयारी की है.
  • कैमरा व रिफ्लेक्टर से लैस रहेंगी सड़कें, गाड़ियों पर भी लगेंगे रिफ्लेक्टर .
  • एनसीसी के कैडेटों को रोड सेफ्टी से जोड़ा जायेगा, ताकि दुर्घटना के बाद लोगों को इमरजेंसी ट्रीटमेंट तुरंत मिल सके और लोगों को जागरूक कर सकें.
  • ग्रामीण इलाकों में ट्रैफिक चेकपोस्ट बढ़ेंगे.सभी चेकपोस्ट पर ट्रैफिक पुलिस स्पीडगन के साथ रहेगी.