कोरोना वायरस संकट की वजह से राज्य में राशन कार्डधारी परिवारों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। बिहार में सभी राशन कार्डधारी परिवार को एक माह का मुफ्त राशन अाैर 1000 रुपए की सहायता दी जाएगी। 21 दिनों के लाॅकडाउन को देखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। सभी राशन कार्डधारी परिवारों काे यह रकम डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी। राज्य सरकार ने 23 मार्च को लाॅकडाउन क्षेत्र के सभी नगर निकाय क्षेत्रों और प्रखंड मुख्यालय की पंचायतों में रहने वाले राशन कार्डधारी परिवारों को प्रति परिवार एक हजार रुपए देने का फैसला लिया था। कोरोना संकट की वजह से लॉकडाउन के विस्तार को देखते हुए अब पूरे राज्य में सभी राशन कार्डधारी परिवारों को यह रकम देने का फैसला लिया गया है।

कालाबाजारी रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर
(0612- 2217636) जारी किया गया है।

इधर, सरकार ने खाद्यान्न समेत सभी जरूरी सामान की कालाबाजारी को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है। सभी जिलों में डीएम, एसडीओ, एसडीपीओ और जिला आपूर्ति पदाधिकारी को विशेष टीम बनाकर लगातार छापेमारी करने का आदेश दिया गया है। बुधवार को खाद्य व उपभोक्ता संरक्षण विभाग में इस संबंध में आदेश जारी कर दिया। विभागीय सचिव पंकज कुमार पाल ने बताया कि कहीं भी कालाबाजारी नहीं होने दी जाएगी। बिहार इसेंशियल कमोडिटी प्राइस एंड स्टॉक डिस्प्ले ऑर्डर सभी जिलों में लागू कर दिया गया है। दुकानदार कीमत और स्टॉक की जानकारी देने के बाद ही सामान की बिक्री कर पाएंगे। यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू हो गई है।

गांवों में कोरोना को रोकेंगे मुखिया, व्यापारियों और मजदूरों को मिलेगा पास

राज्य सरकार ने गांवों में कोरोना वायरस का प्रसार रोकने की जिम्मेदारी 8 हजार मुखिया को सौंप दी है। बुधवार को मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी पंचायतों के मुखिया के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। उन्होंने गांवों में स्कूलों और पंचायत सरकार भवनों में बनाए गए कोरेन्टाइन सेंटर पर नजर रखने को कहा ताकि वायरस का प्रसार नहीं होने पाए। गुरुवार को सभी मुखिया अपने यहां आंगनबाड़ी सेविका, सहायिका, पंच, सरपंच और वार्ड सदस्य के साथ बात करके कोरेन्टाइन सेंटर का संचालन सुनिश्चित कराएंगे। मुखिया और वार्ड सदस्य अपने अपने इलाके में घूम कर लोगों को घरों में ही रहने के लिए प्रेरित करेंगे। मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीएम को उनके यहां व्यापारियों और मजदूरों को पास जारी करने के भी आदेश दिए हैं।

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मुखिया को सौंपा गया टास्क

}विदेश या राज्य से बाहर से आए लोगों को होम क्वारंटाइन में रखने की व्यवस्था कराऐंगे।
}जिनके घर छोटे हैं उनके बाहर से आए लोगों को स्कूल यह सरकारी भवन में रखा जाएगा।
}जिनमें वायरस के लक्षण दिखें उनकी सूचना पीएचसी को देंगे ताकि टेस्टिंग हो सके।
}गांव में किराना दुकानों पर सामान की आपूर्ति होती रहे यह सुनिश्चित भी करना होगा।
} अपने क्षेत्र में लोगों को राज्य सरकार द्वारा घोषित सहायता पैकेज की भी जानकारी देंगे।

डीजीपी बोले-

सभी थानाध्यक्ष अपने इलाके में लॉकडाउन को मानवीय ढंग से लागू कराएं। थानेदारों को खाद्यान्न और अन्य आवश्यक सामग्रियों की कालाबाजारी रोकने की भी जिम्मेदारी दी गई है।

मुख्य सचिव बोले-

राज्य में कहीं भी खाद्य सामग्री की कमी होने नहीं दी जाएगी। डीएम जिले के व्यवसाई संगठनों से सीधा संपर्क रखेंगे। प्रवासी बिहारी घर आना चाहते हैं, उनके बारे संबंधित राज्य से बात होगी।