प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी राज्य बिहार में आगामी 10 दिनों में 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की विभिन्न विकास परियोजनाओं की शुरुआत करेंगे। सूत्रों के अनुसार, विकास की इन विभिन्न परियोजनाओं से आधारभूत संरचना बेहतर होगी और बिहार के लोगों को फायदा होगा।

ये परियोजनाएं एलपीजी पाइपलाइन, एलपीजी बॉटलिंग प्लांट, नमामि गंगे के तहत सीवेज निस्तारण संयंत्र, जलापूर्ति योजना, नदी के तटों का विकास करने की परियोजना, नई रेलवे लाइन, रेलवे पुल, विभिन्न खंडों का विद्युतीकरण और राजमार्ग और पुलों के निर्माण से संबंधित हैं। प्रधानमंत्री इन कार्यक्रमों के दौरान राज्य के लोगों से भी संवाद करेंगे। इन परियोजनाओं की लागत 16,000 करोड़ रुपये से ज्यादा है, इसलिए कोविड-19 के समय में सरकारी खर्च से विकास को बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है।

गुरुवार को बिहार को दी थी 294 करोड़ की योजनाओं की सौगात

एक दिन पहले यानी गुरुवार को पीएम मोदी ने बिहार को मत्स्य, पशुपालन व कृषि विभाग से जुड़ी 294.53 करोड़ की योजनाओं की सौगात दी थी। प्रधानमंत्री ने इस दौरान 5 करोड़ की लागत से सीतामढ़ी के डुमरा में बखरी मछली बीज फार्म, 10 करोड़ का किशनगंज के मत्स्य पालन कॉलेज और पटना स्थित बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में जलीय रेफरल प्रयोगशला का उद्घाटन किया था। पटना के मसौढ़ी का 2 करोड़ का फिश ऑन व्हील्स, मधेपुरा का एक करोड़ का मत्स्य चारा मिल, 2.87 करोड़ का कृषि विश्वविद्यालय, पूसा का समेकित मात्स्यिकी उत्पादन प्रौद्योगिकी केन्द्र का उद्घाटन किया था।

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वहीं 84.27 करोड़ की लागत से बनी पूर्णिया सीमेन स्टेशन, 8.06 करोड़ का पटना में इम्ब्रयो ट्रांसफर टेक्नोलॉजी और आईवीएफ लैब, 2.13 करोड़ का बेगूसराय, खगड़िया, समस्तीपुर, नालन्दा और गया में तैयार सेक्स सार्टेड सीमेन परियोजना का शुभारंभ किया था। उन्होंने कृषि विवि समस्तीपुर का 11 करोड़ से बना स्कूल ऑफ एग्रीबिजिनेस एंड रूरल मैनेजमेंट के भवन का उद्घाटन, 27 करोड़ का ब्वायज हॉस्टल, 25 करोड़ का स्टेडियम और 11 करोड़ का इंटरनेशनल गेस्ट हाउस का शिलान्यास किया था