वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया। उन्होंने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में बड़े बदलावों की घोषणा की। अब इस योजना के तहत पेंशन में सरकार कर्मचारियों की बेसिक सेलरी का 14 फीसदी योगदान देगी। पहले सरकार का योगदान 10 फीसदी था। कर्मचारियों का योगदान 10 फीसदी ही रहेगा। पहले इस योजना से केंद्र सरकार के 36 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। इस वजह से वित्‍त वर्ष 2019-20 के दौरान राजकोष पर लगभग 2840 करोड़ रुपए का भार पड़ने का अनुमान है। 6 दिसंबर को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया था, लेकिन राज्य चुनावों के चलते इसकी घोषणा अब की गई।

इस योजना को जनवरी, 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए लॉन्च किया गया था। लेकिन 2009 में इसे सभी क्षेत्रों के लिए खोल दिया गया। सोमवार काे वित्त मंत्री ने इस स्कीम में और भी बदलावों के बारे में घोषणा की।

वित्त मंत्री ने की यह घोषणाएं

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1. सरकार ने रिटायरमेंट के बाद NPS में से पैसा निकालने पर लगने वाला टैक्स भी हटा दिया है। अभी तक के नियमों के मुताबिक कोई भी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद अपनी कुल पेंशन में से 60 फीसदी निकाल सकता है। बाकी 40 फीसदी को किसी वार्षिक प्लान में इंवेस्ट किया जाना होता है, जिस पर आपको नियमित पेंशन मिलती है। इस 60 फीसदी में से 40 फीसदी पर रिटायरमेंट के समय टैक्स नहीं लगता है, जबकि 20 फीसदी पर टैक्स के दायरे में आता है। अब नए नियमों के मुताबिक यह पूरा 60 फीसदी धन टैक्स फ्री रहेगा।

2. NPS में इंवेस्टमेंट करने के बारे में वित्त मंत्री ने एक और टैक्स बेनिफिट की घोषणा की। NPS में दो तरह के अकाउंट बनाए जा सकते हैं। टियर-1 अकाउंट से खाताधारक 60 वर्ष की उम्र तक पैसा नहीं निकाल सकता है। टियर-2 अकाउंट स्वैच्छिक सेविंग्स अकाउंट होता है, जिसमें से खाताधारक कभी भी पैसा निकाल सकता है। नए नियमों के अनुसार अगर NPS के टियर-2 अकाउंट में निवेश किया जाता है तो यह सेक्शन 80C के लिए मान्य होगा।

3. वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि जो लोग NPS टियर-2 अकाउंट में निवेश कर रहे हैं, उन्हें निवेश के लिए इक्विटी और डेट के अधिक विकल्प मिलेंगे