पटना. राज्य में ऑनलाइन म्यूटेशन और लगान वसूली पटरी पर आने लगा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की मेहनत के कारण ऑनलाइन मामलों में तेजी से बढ़ोतरी होने लगी है। लंबी जद्दोजहद के बाद ऑनलाइन सिस्टम ढंग से काम करना शुरू हो पाया है।

राज्य सरकार ने वर्ष 2015-16 में ही म्यूटेशन और लगान को ऑनलाइन करने का निर्णय लिया था। इसके बाद युद्धस्तर पर कार्ययोजना बनाकर काम शुरू किया गया। इसके बाद दिसंबर, 2017 तक सिस्टम ऑनलाइन करने का फैसला हुआ। लेकिन, तकनीकी समस्या के कारण ऐसा नहीं हो सका। बाद में इस अवधि को बढ़ाकर एक अप्रैल, 2018 किया गया। हालांकि, इस अवधि में भी मात्र 45 अंचलों में ही ऑनलाइन म्यूटेशन शुरू हो पाया।

विभाग ने बाद में तकनीकी समस्याओं को दूर करते हुए अक्टूबर तक की समय सीमा निर्धारित की। शुरू में कुछ परेशानी हुई, लेकिन अब धीरे-धीरे ऑनलाइन सिस्टम पटरी पर आने लगा। इसके अलावा लोगों की रुचि ऑनलाइन लगान चुकाने में भी बढ़ रही है। करीब तीन लाख ऑनलाइन म्यूटेशन हुए, जबकि 47 हजार लोगों ने ऑनलाइन लगान जमा करवाया है। विभाग का मानना है कि आने वाले समय में लोगों की दिलचस्पी इसमें और बढ़ेगी।

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क्या होगा फायदा
इससे दाखिल खारिज के प्रस्ताव के निष्पादन में पारदर्शिता रहेगी। सीओ के दफ्तर में निबंधन के साथ एक खास वेबसाइट से जुड़ जाएगा। म्यूटेशन होते ही रजिस्टर टू में नया नाम दर्ज हो जाएगा और पुराना नाम स्वत: हट जाएगा। साथ ही निबंधन कार्यालय में पुरानी फाइल बंद हो जाएगी। काम की प्रगति और फाइल की टिप्पणी खरीदार ऑनलाइन देख सकेंगे। पूरा मामला पारदर्शी होगा और कहीं कोई दलाल या बिचौलिया नहीं होगा।

सबसे खास क्या
दाखिल खारिज के निष्पादन के क्रम में हर गतिविधि की जानकारी याचिकाकर्ता को उनके मोबाइल पर मैसेज के रूप में प्राप्त होता रहेगा। दाखिल-खारिज के निष्पादन के बाद शुद्धि-पत्र भी आवेदक पोर्टल से डाउनलोड कर सकेंगे।

मोबाइल पर मिलेगी पूरी जानकारी
ऑनलाइन दाखिल-खारिज निष्पादन की पूरी जानकारी मोबाइल पर मिलेगी। जिन अंचलों में ऑनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, वहां सभी जमाबंदी पंजियों का डिजिटाइजेशन पूरा कर संबंधित जिलों की वेबसाइट पर डाल दिया गया है। यही नहीं दाखिल-खारिज के निष्पादन के बाद शुद्धि पत्र विभाग के पोर्टल से डाउनलोड किया जा सकता है।

कर्मचारियों-अधिकारियों को किया प्रशिक्षित
ऑनलाइन म्यूटेशन को और प्रभावी बनाने और इसकी तकनीकी जानकारी देने के लिए संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया है। इसमें आॅनलाइन म्यूटेशन से जुड़े सारे अधिकारी-कर्मचारी भूमि सुधार उपसमाहर्ता, अंचलाधिकारी, अंचल निरीक्षक, राजस्व कर्मचारी, डाटा इंट्री आपरेटर शामिल थे।

इस नियम के तहत हुआ निर्णय
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार दाखिल खारिज (संशोधन) अधिनियम, 2017 की धारा- 3 एवं बिहार दाखिल खारिज (संशोधन) नियमावली, 2017 के नियम- 3 में निहित प्रावधानों के आलोक में ऑनलाइन दाखिल खारिज की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया था। आम नागरिकों-रैयतों की सुविधा, राज्यहित एवं दाखिल खारिज वादों के निष्पादन में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया। सूबे में हर महीने औसतन एक लाख म्यूटेशन के आवेदन आते हैं, जबकि 1.15 करोड़ होल्डिंग का लगान रसीद कटता है। राज्य का रकवा 93.60 लाख हेक्टेयर है