कदवा ओपी क्षेत्र के पचगछिया निवासी खोखा सिंह की हत्या के बाद परिजन गहरे सदमें में हैं। परिजनों का कहना है कि 18 बीघा जमीन को लेकर गोतिया दीपनारायण सिंह से विवाद चल रहा है। इसे लेकर 10 जनवरी को पंचायत हुई थी, जिसमें पंचों की हर बात खोखा सिंह ने मान ली थी। घटना से पांच दिन पहले दीपनारायण सिंह ने पंचों के निर्णय मानने से इनकार कर दिया और खोखा को धमकी दी थी।

खोखा के भाई इंदल सिंह, पत्नी अनिता देवी व ललिता देवी का कहना है कि पिता वेदानंद सिंह गांव में ही आटा चक्की चलाते थे। 1997 में अपराधी आए और खोखा सिंह के आठ भैंस, आटा चक्की, मशीन, थ्रेसर सहित करीब आठ लाख की संपत्ति लूट ली। इसके बाद खोखा सिंह पुरैनी के चटनमां गांव में रहने लगा था। दो साल बाद वहां वेदानंद सिंह की अपराधियों ने हत्या कर दी। 2003 में खोखा पैतृक गांव पचगछिया आ गया। जहां तीन-चार माह के अंदर उसके भाई सितो सिंह की भी अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। 15 अगस्त 2015 को अपराधी खोखा सिंह की हत्या के लिए रैकी कर रहे थे। आशंका हुई तो खोखा सिंह ने खुद अपराधियों को पकड़ कर तलाशी ली तो उसके पास से देसी पिस्तौल व एक बंम मिला था। पूछे जाने पर अपराधियों ने हत्या के लिए तीन लाख की सुपारी लेने की बात कबूला था।

मुखिया अजय सिंह निर्दोष हैं, उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया : राजद

खोखा सिंह हत्याकांड में मुखिया अजय सिंह पर मुकदमा दर्ज कराने पर राजद ने विरोध जताया है। पार्टी के नेता शैलेश कुमार, जिलाध्यक्ष अलख निरंजन पासवान, महासचिव संजय मंडल, जिला प्रवक्ता विश्वास झा, हिमांशु यादव, तनवीर बाबा, अशोक यादव, धर्मेंद्र यादव आदि का कहना है कि अजय सिंह को साजिश के तहत फंसाया गया है। वे निर्दोष हैं। विश्वास झा ने कहा कि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच करे। यदि वे दोषी पाए जाएं तो निश्चित रूप से उनपर कार्रवाई हो। जिलाध्यक्ष अलख निरंजन पासवान ने कहा कि अजय सिंह के विकास कार्य से घबराकर विपक्षी उन्हें बदमान करना चाहते हैं। कदवा थानाध्यक्ष भूपेंद्र कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई होगी।

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