नवगछिया – किसानों की फसलों पर प्रकृति का लगातार कहर जारी है असमय हुई बारिश ने एक ओर जहाँ आम जनजीवन को काफी प्रभावित किया है. दूसरी ओर किसानों के मक्के और केले सहित लीची और आम की फसलों को व्यापक रूप से नुकसान पहुंचा है. खासकर हजारों एकड़ में लगे किसानों के भुट्टा लगे मक्के का पौधा टूट कर गिर पड़ा है. दूसरी ओर खेतों और खलिहान में रखे मक्के का फसल पानी में भीग जाने से बर्बाद हो गया है. किसानों के फसलों के व्यापक रूप से नुकसान होने से किसानों की कमर टूट गई है. इसके फलस्वरूप किसानों के बीच हाहाकार की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
किसान अपने बर्बाद फसलों को देखकर परेशान और हलकान हैं. रंगरा के किसान ओम प्रकाश मंडल, सधुवा के किसान उमेश मंडल, तीन टंगा दियारा के किसान पप्पू मंडल ने बताया कि शुरू से ही हम किसानों पर प्रकृति का प्रकोप होता रहा है. जिस समय मकई का पौधा छोटा था उस समय फॉल आर्मी कीट का प्रकोप, बड़ा हुआ तो भुट्टा लगने के साथ ही उखरा बीमारी से मकई का पौधा सूखने लगा और अब तेज आंधी तूफान और बरसात ने मकई के पौधे को गिरा कर बर्बाद कर दिया है.
लगातार हो रही बारिश के चलते खेतों में पक चुके मकई की कटाई भी ठीक से नहीं हो पा रही है जिसके चलते जमीन में गिरे हुए मकई के भुट्टे में नमी के चलते अंकुरण की स्थिति पैदा हो गई है जिसका पैदावार पर व्यापक रूप से प्रभाव पडने की संभावना है. दूसरी तरफ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत आम और लीची के फलों को भी इस बारिश ने क्षति पहुंचाया है. आम और लीची के पेड़ पर लगे छोटे-छोटे फल फिर से टूटकर जमीन पर गिर गए हैं. जिससे आम और लीची बगानों के किसान भी काफी चिंतित हो गए हैं.