कोरोना पीड़ित खरीक बाजार के एक दुकानदार की इलाज के दौरान मंगलवार को मायागंज अस्पताल में मौत हो गयी थी। शव के अंतिम संस्कार के लिए हाईलेबल में गंगा घाट पर परिजन चिता सजाकर बैठे रहे। लेकिन मायागंज अस्पताल से एंबुलेंस चालक ने शव को गंगा घाट तक नहीं पहुंचाया। परिजन चालक से गुहार लगाते रहे। फिर भी चालक पर कोई असर नहीं पड़ा।

दुकानदार के पुत्र ने बताया कि आवश्यक प्रकिया पूरी होने के बाद मंगलवार शाम अस्पताल में शव को सुपुर्द कर दिया गया। उसके बाद शव को एम्बुलेंस से अंतिम संस्कार के लिए बरारी गंगा घाट ले जाया गया। घाट चलाने वाले लोगों ने कहा कि कोरोना से मौत हुई है, यहां शव नहीं जलाने देंगे। इस कारण एंबुलेंस से शव नीचे उतारने नहीं दिया। इसके बाद चालक व परिजनों में बहस हो गयी और चालक नाराज होकर शव लेकर पुनः मायागंज चला गया।

इसके बाद परिजन पुल पार करके हाईलेबल पहुंचे तथा अंतिम संस्कार के लिए गंगा घाट पर चिता सजायी। पुनः अस्पताल जाकर चालक को हाईलेबल शव पहुंचाने की गुहार लगायी। किन्तु वह तैयार नहीं हुआ। परिजनो ने बताया कि अस्पताल के पदाधिकारियों ने भी इस दिशा में पहल की। लेकिन चालक तैयार नहीं हुआ। इसके बाद देर रात शव को एम्बुलेंस में ही छोड़कर परिजन घर चले गये।

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