ढोलबज्जा: ठंड का असर बढ़ते हीं कदवा इलाके में तीन दिनों में पांच दुर्लभ पक्षी गरूड़ पेड़ पर से गिर कर घायल हो गए. यहां इस तरह गरूड़ पर मौसम की मार हर साल देखने को मिलते हैं. जब बरसात के बाद ठंड के मौसम में कोहरा से आसमान धुंधला होते हैं और कंपकंपी बढ़ जाती है तो इस समय ज्यादातर गरूड़ों के बच्चे घोंसले में रहती है.

उसी बच्चों के लिए जब उसके पेरेंट्स मछली वगैरह आहार के रूप में लेकर घोंसले के पास पहुंचती है तो छोटे गरूड़ उस आहार के लिए तड़पने लगते हैं. इसी बीच में लह अपना संतुलन खोकर जमीन पर गिर जाते हैं.

शारदा पाठशाला कहलगांव के जीव विज्ञान शिक्षक सह गरूड़ स्टॉर्क एक्सपर्ट जयनंदन मंडल ने बताया कि दो पेटेंड स्टार्क व ग्रेटर घायल गरूडों को शनिवार के दिन कदवा से सुंदरवन भागलपुर लाया गया है, वहीं कदवा में नगीना राय के यहां एक ग्रेटर व एक लेसर के गरुड़ अभी भी घायल अवस्था में इलाजरत हैं. जिसे शनिवार को झपरूदास टोला से लाया गया है.

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