नारायणपुर : प्रदेश में एईएस (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) यानी चमकी जैसी खतरनाक बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग को भले ही सतर्क किया गया परंतु नारायणपुर पीएचसी में इलाज तो दूर दूसरी अन्य व्यवस्था भी नहीं हैं। एईएस से पीड़ित प्रखंड के मधुरापुर गांव निवासी दिलीप यादव के दो वर्षीय पुत्र विष्णु कुमार को जब पीएचसी ले जाया गया तो वहां न तो चिकित्सक मिले और न ही अन्य व्यवस्था।
आउटडोर सहित सभी काउंटर बंद थे। इतना ही नहीं भागलपुर ले जाने के लिए पीएचसी में एंबुलेंस भी नहीं मिल पाई। मजबूरन परिजन किराए की गाड़ी से जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां पर बच्चे का इलाज चल रहा है।
परिजन अजीत कुमार ने बताया कि पीएचसी में कोई कर्मचारी और चिकित्सक नहीं था। सभी काउंटर और कक्ष बंद थे। ऐसे में किसी को कोई सुविधा नहीं मिली। अजीत ने बताया कि रविवार सुबह सात बजे बच्चे को तेज बुखार, शरीर में ऐंठन होने लगी।
वह दांत किटकिटाने लगा। मां रुबी देवी परिजन के साथ इलाज के लिए नारायणपुर पीएचसी पहुंचीं। लेकिन वहां सफाईकर्मी के अलावा कोई नहीं मिला। मजबूरन उन्हें किसी तरह भागलपुर जाना पड़ा।