नवगछिया : गंगा व कोसी के बाढ़ की चपेट में हैं अनुमंडल के ये गांव
गंगा व कोसी के बाढ़ की चपेट मेंं पिछले दस दिन से इस्माइलपुर पश्चिमी भिट्ठा, पूर्वी भिट्ठा, नारायणपुर लक्ष्मीपुर, कामलाकुंड पूरी तरह से चपेट में है। छोटी परबत्ता आंशिक रूप से है। नवगछिया प्रखंड के खगड़ा व जगतपुर पंचायत प्रभावित है। खरीक के लोकमानपुर व सिंहकुण्ड पंचायत कोसी नदी के बाढ़ की कि चपेट में है। बिहपुर के गोविंदपुर व कहारपुर गांव कोसी नदी के बाढ़ से प्रभावित है। नारायणपुर के बैकठपुर दुधैला, शहजादपुर पंचायत के एक दर्जन गांव प्रभावित हैं। इस्माइलपुर बिंद टोली के कटाव होने पर गोपालपुर प्रखंड के सभी पंचायत व रंगरा प्रखंड के दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ जाएंगे। नरकटिया नन्हकार बांध ध्वस्त होने पर नरकटिया गांव में जहां भारी तबाही मचेगी, वहीं बिहपुर, नारायणपुर प्रखंड के अधिकांश गांव चपेट में आ जाएंगे। बाढ़ का असर कटिहार-बरौनी रेलखंड, एनएच-31 व 14 नंबर सड़क पर भी पड़ेगा। हजारों एकड़ में लगी केले की फसल बर्बाद हो जाएगी।
नारायणपुर : रिसाव को कर्मियों ने रोका
नारायणपुर| कटिहार-बरौनी रेलखंड के नारायणपुर स्टेशन से पूरब बलहा रेलवे केबिन के पश्चिम रेलवे लाइन पर शुक्रवार को रिसाव शुरू हो गया। इसकी सूचना पर बिहपुर रेलकर्मियों टीम पहुंची और आननफानन में किसी तरह से रिसाव को बंद किया। हालांकि स्टेशन मास्टर रामचंद्र मंडल ने बताया कि उन्हें ऐसी कोई सूचना नहीं है। वह बिहपुर थाने के अन्दर आता है, वे लोग कार्य कर चले गए होंगे। पर बताया जाता है कि रिसाव स्थल पर खतरा बरकरार है।
रंगरा : नारकीय जिंदगी जीने को विवश लोग
रंगरा| प्रखंड क्षेत्र का सर्वाधिक बाढ़ प्रभावित मदरौनी, सधुआ चापर और कौशकीपुर सहौड़ा पंचायत के बाढ़ प्रभावित परिवार लगातार हो रही मुसलाधार बारिश के बीच नारकीय जिंदगी जीने को विवश है। दाने-दाने को मोहताज है, इनके सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। सबसे खराब स्थिति सधुआ चापर, मदरौनी पंचायत के के उन परिवारों की है, जो कटिहार-बरौनी रेलखंड के रेलवे ट्रैक किनारे व कटरिया स्टेशन पर शरण लिए हुए हैं। स्टेशन पर शरण लिए सधुआ गांव के पागो देवी, राजेश सिंह, निर्मला देवी ने बताया कि उन्हें अभी तक कोई सरकारी राहत नहीं मिली।
खरीक के लोकमानपुर व सिंहकुंड में घुसा बाढ़ का पानी
खरीक| खरीक में कोसी नदी के बाढ़ का कहर सातवें आसमान पर है। शुक्रवार को बाढ़ के पानी से लोकमानपुर के विभिन्न टोले का 1000 से अधिक तो सिंहकुंड में तीन सौ अधि क घर में डूब गया। जिससे पीड़ित परिवार एकबार फिर से खुले आसमान के नीचे आ गये। पुरे गांव के लोग अपने-अपने नजदीकी सुरक्षित स्थल पर शरण लिए हुए हैं। रूखा-सूखा खाकर पेट की आग बुझा रहे हैं।
अकबरनगर के भवनाथपुर में तेज धार में जुगाड़ तकनीक से अपने आपको सुरक्षित करने में जुटा बाढ़ पीड़ित।