इस्माइलपुर प्रखंड को गंगा नदी के बाढ़ से पूर्ण रूप से सुरक्षित करने के लिए बनने वाले इस्माइलपुर टू जाह्नवी चौक रिंग बांध का निर्माण कार्य भू अर्जन विभाग की लापरवाही के कारण पचड़े में फंस सकता है। रिंग बांध में आने वाली किसानों की जमीन का अब तक अधिग्रहण नहीं किया गया है। यहां तक की विभाग के द्वारा जिन किसानों की जमीन रिंग बांध में आ रही है उन्हें नोटिस भी नहीं किया गया है। जबकि बाढ़ पूर्व जल संसाधन विभाग एवं स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा किसानों को उनकी जमीन का अविलंब मुआवजा दिए जाने का आश्वासन दिया था। आश्वासन के बाद रिंग बांध निर्माण को लेकर मिट्टी भराई का कार्य संवेदक के द्वारा शुरू कर दिया गया। आश्वासन पर संवेदक ने पांच किमी तक मिट्टी भराई का कार्य पूरा कर लिया है। लेकिन किसानों को मुआवजा मिलना तो दूर, उनहें अधिग्रहण की नोटिस भी विभाग द्वारा निर्गत नहीं की गई है।

ठेकेदार ने पांच किलोमीटर तक मिट्टी भराई का कार्य पूरा कर लिया पर किसानों को मुआवजे का नोटिस तक नहीं मिला

इस्माइलपुर प्रखंड के लिए वरदान साबित होगा रिंग बांध

इस्माइलपुर के जिला परिषद सदस्य विपिन मंडल ने कहा कि रिंग बांध का निर्माण होना इस्माइलपुर प्रखंड के लिए वरदान साबित होगा। रिंग बांध के बनने के बाद इस्माइलपुर के साथ साथ नवगछिया अनुमंडल गंगा नदी की बाढ़ से पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भू अर्जन विभाग द्वारा किसानों की जमीन का अधिग्रहण नहीं किए जाने के कारण रिंग बांध निर्माण बाधा आ रही। इस संबंध मैने विशेष भूअर्जन विभाग के पदाधिकारी से बात की है।उन्होंने कहा है दिसंबर माह तक किसानों को उनकी जमीन का नोटिस निर्गत कर दिया जाएगा।

बिना नोटिस मिले नहीं होगा कार्य

रिंग बांध में आने वाले किसानों की जमीन का मुआवजा नहीं मिलने को लेकर किसानों में आक्रोश व्याप्त हो गया है। किसानों का कहना है कि पूर्व में विभाग के द्वारा आश्वासन देकर कार्य किया गया। लेकिन अब तक हम लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाया। किसानों ने कहा कि जब तक हम लोगों को अब कोई ठोस सबूत नहीं मिल जाता। हम लोग कार्य नहीं होने देंगे।किसान उपेंद्र मंडल, युगल किशोर मंडल, बासुकी मंडल, अवधेश मंडल, पप्पू मंडल आदि ने कहा कि जब तक हम लोगों को अपनी जमीन का नोटिस प्राप्त नहीं हो जाता हम लोग अपनी जमीन पर कार्य नहीं होने देंगे।

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खेत से ली गई मिट्टी का भी किसानों को मिले मुआवजा

रिंग बांध के निर्माण मिट्टी भराई का कार्य संवेदक द्वारा बगल के किसानों के खेत से कर लिया गया है। अखिल भारतीय गंगोत्री जागरण मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलशन मंडल ने कहा कि संवेदक के द्वारा किसानों के खेत की मिट्टी रिंग बांध के लिए लिया गया। पूर्व में किसानों को को उनके खेत से ली गई मिट्टी का मुआवजा नहीं दिया गया। लेकिन अब संवेदक द्वारा कहा जा रहा है कि किसानों को उनके खेत से मिट्टी लेने की स्थिति में किसानों को फसल क्षति के नाम पर प्रति एकड़ आठ हजार रुपये दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्व में जिन किसानों के खेत से मिट्टी खींचा गया है। उन किसानों को भी फसल क्षति का मुआवजा मिले। उन्होंने कहा कि संवेदक एवं विभाग के पदाधिकारियों द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया गया है।

33 करोड़ की लागत से बनेगा रिंग बांध

इस्माइलपुर से जाह्नवी चौक तक 33 करोड़ की लागत से रिंग बांध का निर्माण किया जाना। 10 किलोमीटर लंबे रिंग बांध तीन स्थानों पर स्विलिस गेट का भी निर्माण होगा। स्विलिस गेट का निर्माण जाह्नवी चौक, जहाज वाला एवं इस्माइलपुर थाना के समय किया जाना है। गंगोत्री जागरण मंच के गुलशन मंडल ने कहा कि स्विलिस गेट के इस्टीमेट में भी गड़बड़ी हुई है।

भू अर्जन विभाग करेगा मुआवजे का भुगतान

जल संसाधन विभाग के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने कहा कि भू अर्जन को लेकर जल संसाधन विभाग के द्वारा सारी प्रक्रिया पूरी कर मौजा व खसरा वाइज अधियाचन तैयार कर विशेष भू अर्जन विभाग पदाधिकारी सौंप दी गई है। साथ ही किसानों के बीच राशि के आवंटन को लेकर राशि दे दी गई है। विशेष भू अर्जन विभाग अधिकारी के द्वारा ही किसानों को मुआवजे का भुगतान किया जाना है।

छह सौ किसानों की जमीन का होना है अधिग्रहण

रिंग बांध के निर्माण को लेकर जल संसाधन विभाग छह सौ से अधिक किसानों को जमीन अधिग्रहण किया जाना। रिंग बांध के निर्माण विभाग द्वारा 101 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।