नारायणपुर – पसराहा थाना क्षेत्र के तिहाय निवासी कुख्यात दिनेश मुनि का पैतृक गांव मधेपुरा जिले के फुलौत थाना क्षेत्र के चिरौरी पंचायत के तिनमुंही गांव के रहने वाले हैं.जहां पिता दुकानदारी करते हैं तो दिनेश का मुखिया पति से बगावत चलता है.पंन्द्रह वर्ष पुर्व शादी होने के बाद ससुराल तिहाय में ही रहने लगा.लेकिन फुलौत दियारा के खोपड़िया बासा इसका मुख्य ठिकाना बताया जा रहा है. जहां से सरकारी योजनाओं में ठिकेदार एवं प्रतिनिधियों से लेवी लेना,कोसी दियारा में किसानों की जमीन पर कब्जा करना,रुपये लेकर हत्या करना मुख्य पेशा है.फुलौत थाना से एक बार आर्म्स एक्ट मामले में जेल की हवा भी खा चुका है.

यहां हुई पुलिस से चुक –

पसराहा थानाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह अपने साथ तीन बीएमपी जवान दो जिलाबल,दो निहत्थे जमेदार,चौकीदार सहित दस की संख्या में गुप्त सुचना पर अपराधियों के ठिकाने पर झोपड़ी में धावा बोला.झोपड़ी ग्रामीण सड़क से सटा हुआ है तो दूसरी और गंगा नदी है.जहां दिनेश मुनि,अशोक मंडल,श्रवण यादव के साथ एक लड़की व एक महिला की होने की बात बताई गई.लेकिन दस पुलिस जवान के सामने पांच अपराधी पुलिस पर भाड़ी परा.ग्रामीणों के अनुसार अशोक मंडल के पुत्र सुभाष मंडल की हत्या तीन वर्ष पुर्व घर में सोए अवस्था में कर दी गई थी.

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पुत्र की हत्या के बाद अशोक दिनेश मुनि गिरोह के संपर्क में आया.अशोक अपने घर सुल्तानगंज में बना लिया और दुधैला दियारा का बासा अपराधियों का सुरक्षित ठिकाना बना दिया.जहाँ शराब के साथ शबाव की भी व्यवस्था कराई जाती थी.ग्रामीण की सुनें तो रात्रि में मात्र पांच चक्र गोली चलने की बात बताई.जिसमें पुलिस द्वारा कहा गया रुको महिला है गोली मत चलाना.और अपराधियों को बाहर आने को कहा गया.तो झोपड़ी से गोली चली जो बीएमपी के जवान दुर्गेश कुमार को गोली लगी.दुसरी गोली पुलिस ने चलाई जो नारायणपुर के चौहद्दी के श्रवण यादव को लगी.तीसरी गोली थानेदार आशीष सिंह को लगी.

थानाध्यक्ष द्वारा चलाई गई चौथी गोली निशाना से चुके कि पांचवीं गोली अपराधी फायर करते हुए निकल गया. झोपड़ी को देखने से प्रतीत होता है कि पुलिस एक तरफ से हमला बोल जबकि संख्या दस में थी उसे चारो बगल से घेरा जा सकता था.लेकिन आंगन से प्रवेश करने के कारण गोलीबाड़ी शुरू हो गई.अगर पुलिस चाहती तो चारो और से घेरकर संबंधित नजदीकी बिहपुर,भवानीपुर, परबत्ता, भ्रतखंड पुलिस को बुला सकते थे.जिस चुक के कारण थानाध्यक्ष अपराधी के मुठभेड़ में शहीद हो गए. दुसरी और दुधैला के ग्रामीण महिला व पुरुष शनिवार को पुलिस के गुस्से के शिकार हुए अपराधी के बारे में पुछ पुछ कर नहीं बताने पर पीटा गया. डर के मारे ग्रामीण खेतों में परवल लगाने नहीं गए घर छोड़कर फरार हो गए.ग्रामीणों ने बताया कि अगर हमलोग पुलिस के समक्ष किसी का भी नाम बोलेंगे तो अपराधी दिन दुपहर मारना शुरू कर देंगें. हमलोगों को मजदुरी व खेती करना है इसलिए हमलोग का मजबुरी है मिलजुलकर रहना.